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पीडीजे कोर्ट ने फर्जी चिकित्सक को सुनाया साढ़े तीन साल की सजा, एक लाख का लगाया जुर्माना

  • हीरोडीह थाना क्षेत्र के वसुकपाय गांव में 13 वर्ष पूर्व छापेमारी कर फर्जी चिकित्सक का किया था पर्दाफाश
  • प्रतिबंधित दवाईयों का रखा था एक्सपायरी स्टॉक, नर्सिंग होम में करता था गर्भपात

गिरिडीह। गिरिडीह व्यवहार न्यायालय के प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश मनोज कुमार प्रसाद के कोर्ट ने मंगलवार को फर्जी चिकित्सक को साढ़े तीन साल की सजा सुनाने के साथ एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। हिरोडीह के जमुआ-रेंबा मेन रोड स्थित वसुकपाय गांव के फर्जी चिकित्सक जमाल अंसारी को पीडीजे के कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाया है। 22 एनडीपीएस एक्ट में जहां एक साल की सजा सुनाने के साथ 10 हजार का जुर्माना लगाया गया है। वहीं धारा 27/बी2 ड्रग्स और कॉस्मेटिक एक्ट में आरोपी चिकित्सक जमाल अंसारी को साढ़े तीन साल की सजा सुनाने के साथ 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर आरोपी चिकित्सक को अतिरिक्त तीन और छह माह का सजा भुगतना होगा।

फर्जी चिकित्सक बनकर ग्रामीणों का इलाज करने का यह मामला साल 2013 का है। आरोपी चिकित्सक के खिलाफ जमुआ के प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बालमुंकुद प्रसाद राय ने साल 2013 में हिरोडीह थाना में फर्जी चिकित्सक बनकर ग्रामीणों का इलाज करने का आरोप लगाकर केस दर्ज कराया था। करीब 11 साल पुराने इस मामले में हिरोडीह थाना के द्वारा सौपें गए कुछ दिनों पहले चार्जशीट के आधार पर मंगलवार को बचाव पक्ष और सरकारी अधिवक्ता के बहस के बाद प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश के कोर्ट ने फर्जी चिकित्सक जमाल अंसारी को सजा सुनाई।

जानकारी के अनुसार 2013 में डॉ बालमुंकुद प्रसाद राय ने जमुआ के प्रभारी बीडिओ सह प्रशिक्षु आईएएस ए. दौड्डे के निर्देश पर हिरोडीह थाना क्षेत्र के वसुकपाय गांव में संचालित फर्जी चिकित्सक जमाल अंसारी के नर्सिंग होम में छापेमारी की थी। जमाल अंसारी फर्जी तरीके से बगैर किसी शैक्षणिक डिग्री के चिकित्सक बनकर इलाज करता था। छापेमारी के क्रम में फर्जी चिकित्सक जमाल के घर पर एक नर्सिंग होम के तर्ज पर चिकित्सक जांच के सारे उपकरण भी बरामद किए गए थे। जिससे वो इलाज और मरीजों का जांच किया करता था। इतना ही नही नर्सिंग होम में सरकार द्वारा प्रतिबंधित एलपाजल और कार्बाेपोस्ट के एक्सपारी दवाओं का एक भारी स्टॉक मिला था। साथ ही नर्सिंग होम में प्रसूती महिलाओं का जांच के बाद गर्भपात भी करने का साक्ष्य मिला था। जिसके आधार पर फर्जी चिकित्सक के खिलाफ हिरोडीह थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी।

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