बंग भंग विरोधी आंदोलन दिवस के अवसर पर हुआ विचार गोष्टी का आयोजन
भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में बंग भंग विरोधी आंदोलन का अहम महत्व: योगेश
गिरिडीह। जमुआ प्रखण्ड के पोबी पंचायत सचिवालय में शुक्रवार को बंग भंग विरोधी आंदोलन दिवस के अवसर पर विचार गोष्टी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी में मुखिया नकुल कुमार पासवान व युवा समाजसेवी ,शिक्षाविद, चिंतक योगेश कुमार पाण्डेय ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में बंग भंग विरोधी आन्दोलन का बहुत महत्व है। इसमें न केवल बंगाल, अपितु पूरे भारत के देशभक्त नागरिकों ने एकजुट होकर अंग्रेजों को झुकने पर मजबूर कर दिया था। उन दिनों देश के मुसलमान भी हिन्दुओं के साथ मिलकर स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे थे। अंग्रेज शासक प्रारम्भ से ही ‘बाँटों और राज करो’ की नीति पर काम करते थे। उन्होंने सोचा कि यदि इनमें फूट डाल दें, तो भारत पर लम्बे समय तक राज्य करते रहना सरल हो जाएगा। इसलिए प्रयोग के लिए उन्होंने बंगाल के मुस्लिम बहुल क्षेत्र को असम के साथ मिलाकर एक नया प्रान्त बनाने का षड्यन्त्र रचा।
राष्ट्रविरोधी शक्तियों से सावधान और सतर्क रहने की जरूरत: नकुल पासवान
कहा कि वर्तमान में धर्म व जाति के नाम पर फुट डालो चुनाव जीतो की गंदी राजनीति नेता कर रहे हैं, जो देश के लिए बेहद ही घातक है। हमे सिख लेते हुए राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने वाले तत्वों से सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है। हक, अधिकार के लिए आवाज बुलंद करने वाले ही गुलामी के बेड़ियों से हमेशा स्वतंत्र होते हैं। पीएलवी सुबोध कुमार साव, पंचायत स्वयं सेवक दिलीप राम, विवेकानंद प्रसाद, गोपालकृष्ण पाण्डेय, रामदुलार पासवान, अनंत कुमार राम, सत्येंद्र पासवान, राजा कुमार राम आदि मौजूद थे।