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मोटर वाहन क्लेम केस को लेकर व्यवहार न्यायालय में हुआ शिविर का आयोजन

  • रिपोर्ट फार्म भरने की जानकारी नहीं होने पर गिरिडीह पुलिस पर भड़की डीजे
  • शिविर में पहुंचे पुलिस अधिकारियों को दिया गया फार्म भरने का प्रशिक्षण

गिरिडीह। मोटर वाहन क्लेम केस को लेकर शनिवार को व्यवहार न्यायालय में एक दिवसीय कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की शुरुवात प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीना मिश्रा के साथ कुटुंब न्यायालय के प्रधान सत्र न्यायाधीश अरविंद पांडेय और अतिरिक्त प्रधान सत्र न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव के साथ डीटीओ रोहित सिन्हा और जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय ने दीप जलाकर किया। जागरूकता शिविर के पहले चरण में ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीना मिश्रा ने गिरिडीह पुलिस की जमकर खिंचाई की, और कहा की रोड ऐक्सिडेंट रिपोर्ट फार्म भरने की जानकारी जिले के किसी पुलिस अधिकारी को नही होना, ये साफ तौर पर जाहिर करता है जिले के वरीय पुलिस किस स्तर पर जूनियर अधिकारियों की मॉनिटरिंग कर रहे है।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीना मिश्रा ने कहा की कई बार यही समझा जाता है की रोड ऐक्सिडेंट के दौरान जो मुआवजा दिया गया है। वहीं कानूनी प्रावधान है जबकि ऐसा नहीं है। प्रावधान के अनुसार मौके पर दिए गए मुआवजा के बाद इसी रोड ऐक्सिडेंट रिपोर्ट फार्म को भरने के बाद मोटर वाहन एक्ट में ओर भी मुआवजा देने का नियम है। कहा की मौत के बाद सड़क जाम कर दिया जाता है। जो बेहद गलत है, लेकिन सड़क जाम होने से किसी को इंसाफ नही मिलता, बल्कि, इसके लिए कानून का सहारा लेकर इंसाफ दिलाया जाता है और मोटर वाहन एक्ट में इसका पूरा प्रावधान है। जो रोड ऐक्सिडेंट रिपोर्ट फार्म मौके पर पहुंचे और वही अधिकारी इस फार्म को भरे। जिससे मृतक को इंसाफ दिलाया जा सके।


शिविर को कुटुंब न्यायलय समेत कई अधिकारियों ने संबोधित किया। जबकि जिला विधिक सेवा प्राधिकर के इस कानूनी जागरूकता शिविर में कई पुलिस अधिकारी शामिल हुए, तो कई अधिवक्ता भी शामिल हुए थे। इस दौरान दूसरे चरण में पुलिस अधिकारियों को रोड ऐक्सिडेंट रिपोर्ट फार्म भरने की पूरी जानकारी दी गई।

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