सावन की दूसरी सोमवारी पर शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़
- बाबा दुखहरन नाथ, झारखंडीधाम व हरिहरधाम में सैंकड़ो की संख्या में श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
- श्रावण माह के सोमवार का विशेष महत्व: सरवेश पांडेय
गिरिडीह। श्रावण मास की दूसरी सोमवारी के मौके पर शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शहरी क्षेत्र में स्थित विभिन्न शिवालयों के अलावे जिला मुख्यालय से करीब 9 किलोमीटर की दूरी पर उत्तरवाहिनी उसरी नदी के तट पर स्थित दुखहरणनाथ मंदिर, जिले के जमुआ प्रखंड स्थित झारखंडीधाम, बगोदर प्रखंड स्थित हरिहरधाम, गांडेय प्रखंड स्थित केनारीधाम सहित विभिन्न शिवालयों में बाबा भोले का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ हुई थी। अहले सुबह से ही भक्त भोले बाबा पर जलाभिषेक करने के लिए लाइन मे ंलगे थे। भक्त बोलबम का जयकारे लगाते हुए श्रद्धा भाव से बाबा भोले की पूजा अराधना की। करीब करीब सभी छोटे बड़े मंदिरों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने को लेकर भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा था। सुबह से मंदिरों के बाहर भक्तों की लंबी कतारें लगी है और बोल बम, हर हर महादेव, ॐ नमः शिवाय जैसे नारों से मंदिर गुंजायमान हो उठे हैं।

श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ का पूजन का महत्व बताते हुए बाबा दुखहरन नाथ मंदिर के पुजारी सरवेश पांडेय ने कहा कि श्रावण माह का हर एक दिन बाबा भोलेनाथ को समर्पित है, लेकिन सोमवार का विशेष महत्व होता है। कहा कि आज दुखहरन नाथ मंदिर में सैंकड़ो की संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना करने पहुंचे हैं। पूरे माह में इस मंदिर में लाखों श्रद्धालु पूजा करते हैं और भगवान शिव से मन्नत मांगते है। कहा कि उत्तरवाहिनी उसरी नदी के किनारे बसे इस मंदिर की अलोकितकता और मनोवांछित फल की प्राप्ति होने से इस मंदिर में श्रद्धालुओं का विशेष लगाव है।
वहीं हिंदू धर्म में श्रावण मास की महत्व बताते हुए उन्होंने बताया कि इसी सावन माह में मां पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप किए थे। जिसके बाद मां पार्वती को भगवान शिव प्राप्त हुए थे। इसके साथ ही भगवान शिव ने इसी सावन माह में संसार के कल्याण के लिए विषपान भी किया था। कहा कि श्रद्धालु अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए भगवान भोलेनाथ एवं मां पार्वती का जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करते हैं।