प्रकाश पर्व के मौके पर गिरिडीह के प्रधान गुरुद्वारे में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सदर विधायक को भगवा सरोपा पहनाकर किया गया सम्मानित
सनातन धर्म के श्रद्धालु भी हुए शामिल, दिन भर चलता रहा शब्द-र्कीतन
गिरिडीहः
सिखों के पहले गुरु और सिख समुदाय को मानवता से आत्मसात करने वाले गुरु नानक देव जी के 553वें प्रकाश पर्व की धूम और रौनक दुसरे दिन भी गिरिडीह में दिखा। शहर के प्रधान गुरुद्वारे में हजारों की संख्या में सिख समुदाय के साथ हिंदु समुदाय के श्रद्धालु जुटे, और दिन भर चले शब्द-र्कीतन में शामिल हुए। गुरुद्वारा के प्रधान सेवक गुणवंत सिंह सलूजा, पूर्व प्रधान सेवक डा. अमरजीत सिंह सलूजा के नेत्तृव में अरदास हुआ, तो बाहर से आएं रागी जत्था द्वारा कई शब्द-र्कीतन पेश किए गए। इस दौरान प्रधान गुरुद्वारा को आर्कषक तरीके से सजाया गया था।

तो गुरु ग्रंथ साहिब के दरबार की सजावट भी श्रद्धालुओं में भक्ति की गंगा ही बहा रही थी। शब्द-र्कीतन का दौर सुबह से ही गुरुद्वारे में शुरु हो गया था। लेकिन भक्तों की भीड़ दोपहर बाद जुटनी शुरु हुई। तो हजारों की संख्या में भक्त जुटे।
मौके पर बाहर से आए रागी जत्था द्वारा शब्द-र्कीतन पेश किया जा रहा था। तो प्रकाश पर्व में शामिल होने पहुंचे सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, डिप्टी मेयर प्रकाश सेठ को गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान सेवक डा. गुणवंत सिंह मोंगिया ने भगवा सरोपा पहनाकर सम्मानित किया। तो सदर विधायक सोनू और डिप्टी मेयर प्रकाश सेठ ने भी उपस्थित सिख समुदाय के श्रद्धालुओं को प्रकाश पर्व की बधाई दियज्ञ।

जबकि पूर्व प्रधान सेवक डा. अमरजीत सिंह सलूजा के साथ समाजिक कार्यकर्ता और सुभाष शिक्षण संस्थान के निदेशक विजय सिंह को भी प्रधान सेवक डा. मोंगिया द्वारा भगवा सरोपा पहनाकर सम्मानित किया गया। इस दौरान लंगर में अपना सहयोग देने वाले सरदार त्रिलोचन सिंह और उनकी पत्नी परमजीत सिंह सैनी को भी प्रधान सेवक डा. मोंगिया ने भगवा सरोपा पहनाकर सम्मानित किया। प्रकाश पर्व को लेकर पिछले सप्ताह दिनों से चल रहे अखंड पाठ का समापन मंगलवार को प्रकाश पर्व पर किया गया।

इधर डा. गुणवंत सिंह मोंगिया ने कहा कि गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व को लेकर गिरिडीह के सिख समुदाय के श्रद्धालुओं में उत्साह रहा। क्योंकि एक सप्ताह तक लगातार प्रभात फेरी का आयोजन हुआ। तो बीतें दिनों में शहर में भव्य नगर र्कीतन भी निकाला गया।

प्रधान सेवक मोंगिया ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने पूरे समाज को भाईचारे के साथ जीने की प्रेरणा दिया। इधर शब्द-र्कीतन के बाद गुरुद्वारा में भव्य लंगर का आयोजन हुआ। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया। अंतिम दिन प्रकाश पर्व को सफल करने में तरणजीत सिंह सलूजा, सतविंदर सिंह सलूजा, जोरावर सिंह सलूजा, नरेन्द्र सिंह शम्मी, देवेन्द्र सिंह सलूजा, चरणजीत सिंह सलूजा, ऋषि सिंह सलूजा, राजन सिंह सलूजा, बलविंदर सिंह सलूजा समेत सिख समुदाय के कई श्रद्धालुओं का योगदान रहा।