बिरसा मुंडा की जयंती पर गिरिडीह सदर विधायक सोनू ने किया माल्यार्पण, बजाया मांदर और थिरके, तो भाजपा नेताओं ने भी किया नमन
गिरिडीहः
धरती आबा बिरसा मुंडा की जंयती और राज्य गठन के 22वें वर्षगांठ का उत्साह मंगलवार को गिरिडीह जबरदस्त अंदाज में दिखा। स्कूलों में भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धाजंलि दी गई। तो नगर भवन में परिसंपतियों का वितरण किया गया। दुसरी तरफ शहर से सटे सिहोडीह-सिरसिया के बिरसा मुंडा चाौक पर अलग-अलग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधी जुटे, और भगवार बिरसा मुंडा के प्रतिमा को माल्यार्पण किया। सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, पूर्व भाजपा विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार के साथ कला संगम के सतीश कुंदन, झामुमो नेता ज्योतिन्द्र प्रसाद, शाहनवाज अंसारी, अजीत कुमार पप्पू और आस्मां खातून ने बिरसा मुंडा चाौक पहुंचे। और बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। इस दौरान एक के बाद एक कई अलग-अलग दलों के कई प्रतिनिधियों और समाजिक संस्था के कार्यकर्ताओं ने भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ उन्हें श्रद्धाजंलि दिया। तो भाजपा के नगर कमेटी के अध्यक्ष हरमिंदर सिंह बग्गा के नेत्तृव में भाजपा नेता संदीप डंगाईच, मोती लाल उपाध्याय और भाजपा नेत्री विनीता कुमारी ने भी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। और श्रद्धाजंलि अर्पित किया।

मौके पर सदर विधायक सोनू ने आदिवासियों के साथ मांदर बजाएं, तो उनके साथ झूमर गीत पर थिरकते भी दिखे। और जब सदर विधायक सोनू मांदर बजाना शुरु किया, तो झामुमो के कार्यकर्ता और समर्थक कहां शांत बैठने वाले थे। लिहाजा, कार्यकर्ता और समर्थक भी गले में मांदर डालकर बजाते हुए पांरपरिक संथाली धुन पर थिकरते रहे। बिरसा मुंडा जयंती समारोह द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सदर विधायक सोनू ने कहा कि भगवान बिरसा जिस प्रकार ब्रिटिश समाज्य के खिलाफ लड़ाई लड़ा।

वही लड़ाई एक वक्त दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने सूदखोरी प्रथा के खिलाफ लड़ा था। राज्य को महाजनी प्रथा से मुक्त कराने में शिबू सोरेन की भूमिका को आदिवासी और गैर आदिवासी अब भी महत्पूर्ण मानते है। और झामुमो उसी शिबू सोरेन के नेत्तृव में जनहित को लेकर आंदोलन करता रहा है। समारोह में जयंती समारोह के कई सदस्यों के साथ काफी संख्या में स्थानीय लोग भी जुटे थे।