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ट्रेन दुर्घटना में बेटे को मरा समझकर लौट रहे परिजनों को मिली बेटे के जीवित होने की सूचना

  • डीएलएसए के सचिव ने परिजनों को दी कटक में पवन के इलाजरत होने की जानकारी
  • दुर्घटनाग्रस्त हुए ट्रेन से चेन्नई जा रहा था गांवा के पथलडीहा का पवन

गिरिडीह। उड़ीसा के बारासोल में हुए रेल हादसे में गिरिडीह के गावां थाना क्षेत्र के पथलडीहा के रहने वाले 19 वर्षीय पवन की मौत की अफवाह से माहौल गमगीन हो गया था। हलांकि बिती रात उसके जिवित होने की सूचना से परिजनों ने राहत की सांस ली है।

बताया जाता है कि गांवा के पथलडीहा गांव निवासी गंगा भुइयां का 19 वर्षीय पुत्र पवन कुमार गुरुवार की अहले सुबह चेन्नई जाने के लिए अपने घर से निकला था। चेन्नई में वह एक रेस्टोरेंट में मजदूरी करता था। शाम चार बजे कोलकाता में वह कोरोमंडल ट्रेन पर सवार हुआ था। ट्रेन पर बैठने के बाद उसने अपने मां पिताजी से बात भी की थी। बाद में परिजनों को ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिली।

खबर मिलने के बाद कुछ समाजसेवियों ने आपसी सहयोग करके एक वाहन से परिजनों को घटना स्थल भेजा। युवक के पिता गंगा भुइयां, पूर्व वार्ड सदस्य लालो भुइयां, पड़ोसी मन्नु शर्मा व वाहन चालक शनि दास घटना स्थल पर पहुंचे। वहां दर्जनों शवों को उलट पलट कर देखने पर कुछ भी पता नहीं चला। बाद में अस्पताल में एक शव का चेहरा मिलता जुलता मिला। उक्त परिवार के पास शव को गांव तक लाने हेतु प्रयाप्त रूपये नहीं थे। इसलिए सभी वापस घर के लिए रवाना हो गये।

आसनसोल पहुंचने के क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार झालसा के सचिव सौरभ कुमार गौतम के द्वारा परिजनों को सूचना दी गई कि उनका पुत्र जिवित है और उसका इलाज कटक के एक अस्पताल में चल रहा है। सूचना पर युवक के पिता गंगा भुइयां समेत अन्य परिजन अस्पताल के लिए रवाना हो गये। झालसा के कार्यकर्ता अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि वहां राहत कार्य में लगी संस्था सालसा के द्वारा उन्हें सूचना मिली है कि पवन का इलाज कटक के एक अस्पताल में चल रहा है।

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