लॉकडाउन के बाद से नहीं खुला आंगनबाड़ी केंद्र, ग्रामीणों ने जताया विरोध
- पूर्व मुखिया व पंसस के नेतृत्व में ग्रामीणों ने किया विरोध
- सेविका ने कहा 26 जनवरी संचालित हो रहा है केन्द्र
- अगर दो साल से आंगनबाड़ी केन्द्र बंद है तो पूर्व मखिया भी जिम्मेवार: मुखिया
गिरिडीह। गावां प्रखंड के बिरने पंचायत स्थित अमसा टोला आंगनबाड़ी केंद्र के बाहर गुरूवार को ग्रामीणों ने हंगामा किया। ग्रामीणों का आरोप है कि अमसा टोला का आंगनबाड़ी केंद्र लॉकडाउन के बाद कभी भी नियमित ढंग से नहीं खुला है। मार्च 2020 में लॉकडाउन लगने के बाद से यह केंद्र माह में कभी कभार एक दो दिन के लिए खुलता है। इस केंद्र की आंगनबाड़ी सेविका मीणा देवी और सहायिका तारा देवी कभी केंद्र नहीं आती है। इसी को लेकर ग्रामीण पूर्व मुखिया राजकुमार यादव और पंचायत समिति सदस्य के पति इंद्रदेव यादव के नेतृत्व में गुरूवार को विरोध किया।
बता दें अमसा टोला आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका मीणा देवी की जेठानी बिरने की पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित हुई है। यानी कि सेविका के जेठ इंद्रदेव यादव और पूर्व मुखिया राजकुमार यादव के नेतृत्व में ही ग्रामीण पिछले दो वर्षों से केंद्र का संचालन नहीं होने का आरोप लगा रहे हैं। केंद्र बन्द रहने का विरोध करने वालों में वार्ड सदस्य शमशीर आलम, एजाज अहमद, नकीब अंसारी, संजय पासवान, उपेंद्र सिंह, राघो कुमार, अनिल यादव समेत कई ग्रामीण शामिल हैं।
आगनबाड़ी सेविका मीणा देवी ने कहा कि कोरोना के कारण केंद्र बन्द रखने का निर्देश था। 26 जनवरी 2022 से केंद्र खुल रहा है। इस दौरान आगनबाड़ी केंद्र से मिलने वाली सभी सुविधा लाभुकों को दी जा रही थी। स्थानीय राजनीति में यह झूठा आरोप लगाया जा रहा है।
इधर बिरने मुखिया चंदन कुमार ने कहा कि बिरने पंचायत में शिक्षा व्यवस्था चौपट है। हम खुद पिछले दो दिनों से स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण शुरू कर व्यवस्था सुधार का अल्टीमेटम दे रहे है। अमसा टोला आगनबाड़ी केंद्र अगर 2 साल से बन्द है, तो यह गंभीर मामला है। विभाग को जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए। मगर अभी पूर्व मुखिया राजनीति कर रहे हैं। अगर वे कार्यकाल के दौरान स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों पर नजर रखते तो बिरने पंचायत की ऐसी हालत नहीं रहती। क्योंकि अभी एक माह पहले तक राजकुमार यादव ही मुखिया थे और अगर दो साल आंगनबाड़ी केंद्र बन्द रहा है तो इसमें वे भी बराबर के दोषी हैं।