व्यवहार न्यायालय परिसर में हुआ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन
- विभिन्न मामलों से जुड़े कुल 65 हजार 466 मामलों का हुआ निष्पादन
- मामलों में त्वरित निष्पादन के साथ ही न्यायालय का बोझ भी होता है कम : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश
गिरिडीह। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 65466 मामलों का निष्पादन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार की अध्यक्षा वीणा मिश्रा, कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय, उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, आरक्षी अधीक्षक अमित रेनू, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय, सचिव चुन्नू कांत एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सौरव कुमार गौतम ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीणा मिश्रा ने कहा कि वर्ष 2023 का यह प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत है। जिसका आयोजन आमजनों एवं पक्षकारों को लाभ प्रदान करने के लिए नालसा के निर्देश पर पूरे देश में किया जा रहा है। जिसके माध्यम से लंबित एवं प्री लिटिगेशन मामलों का निष्पादन इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से किया जा रहा है। कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से पक्षकारों को अपने मामलों में त्वरित निष्पादन का लाभ तो मिलता ही है साथ ही साथ न्यायालय का बोझ भी कम होता है। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलहनीय आपराधिक मामलों, सिविल मामलों, बैंक मामलों, वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित मामलों बिजली, वन विभाग, उत्पाद, माप तौल, खाद्य सुरक्षा इत्यादि विभागों से संबंधित मामलों का निष्पादन लोक अदालतों के माध्यम से होने से आम जनों को काफी राहत मिलती है।
कार्यक्रम को प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय अरविंद कुमार पांडेय, उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, आरक्षी अधीक्षक अमित रेनु ने संबोधित करते हुए कहा कि समय-समय पर लगाए जा रहे इस प्रकार के आयोजनों में शरीक होकर अपने मामलों को निष्पादित कराएं जिला प्रशासन भी न्यायपालिका के साथ तालमेल स्थापित कर हर संभव मदद करने के लिए तत्पर है। वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सौरव कुमार गौतम ने बताया कि मामलों के निष्पादन के लिए कुल 13 पीठों का गठन किया गया था। जिसमें सभी पीठों के पीठासीन पदाधिकारियों ने अपने-अपने पीठों में आवंटित मामलों को निष्पादित किया। बताया कि प्री लिटिगेशन मामले 60360 एवं लंबित मामले 5106 सहित कुल 65466 मामलों का निष्पादन किया गया है। जिसमें 6 करोड़ 87 लाख 30 हजार रुपए की राशि संबंधित पक्षकारों के अलावे विभिन्न विभागों को राजस्व के रूप में प्राप्त हुआ है।