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स्वास्थ मिशन के अनुबंधित कर्मियों के हड़ताल पर जाने से गिरिडीह स्वास्थ विभाग की चिंता बढ़ी

गिरिडीहः
पांबदियों में मिली छूट के कारण एक तरफ जहां राज्य के अलग-अलग जिलों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ना शुरु हो गया है। वहीं दुसरी तरफ गिरिडीह में राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन एनएचएम के अनुबंधित कर्मी पिछले चार दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। पूरे जिले में करीब 500 सौ से अधिक नेशनल हेल्थ मिशन के अनुबंधित कर्मी हड़ताल पर है। समान काम के आधार पर समान वेतन समेत अन्य मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतरे इन कर्मियों के कारण स्वास्थ विभाग से जुड़े फिलहाल कई महत्पूर्ण कार्य पूरी तरह ठप पड़ चुके है। जिसमें ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्र के मातृत्व शिशु स्वास्थ केन्द्र में गर्भवती महिलाकी जांच प्रभावित हुई है। तो बच्चांे के नियमित टीकाकरण का अभियान पर भी असर पड़ा है। इतना ही नहीं कोरोना महामारी से लड़ाई का हथियार वैक्सीनेशन पर भी इस हड़ताल का असर काफी हद तक हुआ है। हालांकि स्वास्थ विभाग के अधिकारियों का दावा है कि स्थायी एएनएम द्वारा वैक्सीनेशन का कार्य कराया जा रहा है। लेकिन सबसे अधिक आशंका महामारी को लेकर है। क्योंकि एनएचएम के अनुबंधित स्वास्थ कर्मी के हड़ताल में इसे जुड़े कुछ चिकित्सक भी शामिल है। जिन पर कोरोना संक्रमितों के इलाज और पूरे देखभाल का जिम्मा है। जबकि वैक्सीनेशन का आंकड़ा भी इन कर्मियों के जिम्मे ही है। पूरे जिले में कितने लाभार्थियों को वैक्सीन लगा है। इसका कोई स्पस्ट आंकड़ा अभी स्वास्थ विभाग के पास नहीं है। लिहाजा, हेमंत सरकार इन अनुबंधित कर्मियों के मांगो पर अगर वक्त पर उचित निर्णय नहीं लेती है। तो हालात समझे जा सकते है। क्योंकि दुर्गा पूजा के बाद से आंकड़े स्पस्ट बता रहे है कि महामारी से ग्रसित संक्रमितों का आंकड़ा एक बार फिर राज्य में तेजी से बढ़ना शुरु हो गया है। वैसे गनीमत है कि संक्रमितों की संख्या सरकारी आंकड़ो के अनुसार फिलहाल गिरिडीह में शून्य है। लेकिन लोगों के बीच चिंता बना हुआ है।

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