छापेमारी के तीसरे दिन सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड
- मारा गया 15 लाख रुपए का इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव
- छापेमारी के दौरान नक्सलियों ने दो बार किया आईइडी ब्लास्ट
- आईईडी स्पेशलिस्ट बेल्जियन शेफर्ड नस्ल का डॉग ड्रोन शहीद
- ग्रामीण रामदेव मुंडा की हुई मौत
रांची। गुमला जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के केरागानी जंगल में तीन दिनों से चल रहे छापेमारी के दौरान तीसरे दिन गुरुवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में पुलिस ने 15 लाख रुपए के इनामी नक्सली को मार गिराया है। मारे गये इनामी नक्सली की पहचान जोनल कमांडर बुद्धेश्वर उरांव के रूप में की गई है। घटनास्थल से एक एके-47 रायफल के अलावा कई नक्सली साहित्य, बैग, पिट्ठू, नगद राशि आदि भी बरामद की गई। इसकी पुष्टि गुमला एसपी हृदीप पी जनार्दनन ने भी की है।
पिछले दो दिनों से जिला पुलिस और सीआरपीएफ की टीम केरागानी जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रही है। इस बीच जंगल में नक्सलियों द्वारा दो दिनों में दो आईईडी विस्फोट किया गया। जिसमें कोबरा बटालियन का हिस्सा रहे आईईडी स्पेशलिस्ट बेल्जियन शेफर्ड नस्ल का डॉग ड्रोन शहीद हो गया था। वहीं दूसरे ब्लास्ट में जवानों को रास्ता दिखा रहे एक ग्रामीण रामदेव मुंडा की मौत हो गई। इसी बीच गुरुवार की सुबह पुलिस को सूचना मिली कि केरागानी व मरवा को बीच स्थित जंगल में नक्सली बुद्धेश्वर का दस्ता जमा है। वे किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। पुलिस उन्हें घेरने निकली और इसी दौरान नक्सली आमने-सामने आ गए। जिसके बाद दोनों तरफ से घंटों गोलीबारी हुई। जिसमें नक्सली बुद्धेश्वर उरांव ढेर हो गया। जबकि उसके बाकी साथी सुरक्षाबलों को भारी पड़ता देख जंगल की तरफ भाग निकले।
बताया जाता है कि भाकपा माओवादियों के रीजनल कमांडर सह प्रवक्ता बुद्धेश्वर उरांव पिछले 20 वर्षों से तीन जिलों समेत दो राज्यो में आतंक का पर्याय बना हुआ था। बुधेश्वर को पकड़ने के लिए दर्जनों स्पेशल अभियान चलाया जा चुका था। इस दौरान वह करीब 8 बार पुलिस के सामने आने के बाद भी बच निकला था। इसके बाद बुधेश्वर इलाके में सरेंडर करने का दुष्प्रचार कर दिया था। इस दुष्प्रचार के बाद पुलिस ने भी उसके व दस्ते के प्रति अपना दबाव कम कर दिया था। लेकिन हाल के दिनों में फिर से उत्पात मचाना शुरू करने के साथ ही विकास कार्यों को बाधित कर ठेकेदारों से लेवी उगाही में जुट गया था।