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स्थायीकरण के लिए मोरहाबादी मैदान में डटे है ढाई हजार सहायक पुलिस जवान

12 सितंबर को पहुंचे थे रांची, सरकार नहीं दे रही है तवज्जो 

रांची। स्थायीकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहे राज्य के ढाई हजार से अधिक सहायक पुलिस के जवान अब भी रांची के मोरहाबादी मैदान में डटे हुए है। इनमें कई महिला जवान ऐसी भी है जो अपने नौनिहालों को लेकर मैदान में खुले आसमान के नीचे हड़ताल पर बैठने को मजबूर है। इसके बाद भी हेमंत सरकार व उनके मंत्रीमंडल और राजधानी में बैठे अधिकारियों की नींद नहीं टूट रही है। जबकि मोरहाबादी मैदान से हड़ताली सहायक पुलिस जवानों को हटाने के लिए उनके पुलिस पदाधिकारियों और जवानों ने ही लाठी चलाई। रांची से 24 जेट न्यूज के संवाददाता ने मंगलवार को मोरहाबादी पहुंच कर कई सहायक पुलिस जवानों से वार्ता की और उनका दर्द जानने का प्रयास किया। इस दौरान जवानों ने हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के नक्सल प्रभावित 12 जिलों में सहायक पुलिस जवानों को दस हजार के वेतन पर संविदा के आधार पर नियुक्त किया गया। सूबे में जब हेमंत सरकार बनी तो हेमंत सरकार ने स्थायी करने का वादा भी किया। लेकिन नौ माह बाद अब हेमंत सरकार भी पूर्व के रघुवर सरकार के नक्शे कदम पर चल रही है।

मांग पूरा होने के बाद ही हड़ताल होगी समाप्त

मोरहाबादी मैदान में 12 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे सहायक पुलिस के जवानों ने कहा कि उनकी मांगे जब तक पूरा नहीं किया जाएगा। वे लोग हड़ताल समाप्त करने वाले नहीं है। कहा कि 12 सितंबर से वे मोरहाबादी मैदान में खुले आसमान के निचे रात और दिन बता रहें है, लेकिन सरकार उनकी कोई खबर नहीं ले रही है।   

विधानसभा में माले विधायक उठाएंगे आवाज  

इधर गिरिडीह के भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा ने भी हेंमत सरकार पर सहायक पुलिस जवानों के मांग को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हेंमत सरकार कांग्रेस की कठपुलती बनकर रह गई है। अपने ही सरकारी तंत्र के ईकाईयों से हेंमत सरकार को कोई सरोकार नहीं है। माले नेता ने कहा कि माले विधायक विनोद सिंह इस मुद्दे पर चुप नहीं रहने वाले है। होम क्वांरटीन से निकलने के बाद विधायक विस सत्र के पहले दिन इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे।

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