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उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला सर्तकता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक

  • अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई को लेकर की गई चर्चा
  • पीड़ितों को नियामानुकूल देय राशि का भुगतान सुनिश्चित करें: उपायुक्त

कोडरमा। समाहरणालय के सभागार में उपायुक्त रमेश घोलप की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिला सर्तकता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आहूत की गई। बैठक में अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत राहत राशि के भुगतान के संबंध में उपायुक्त ने पीड़ितों को नियामानुकूल देय राशि का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश जिला कल्याण पदाधिकारी को दिया।


बैठक में समिति के द्वारा यह भी प्रस्ताव दिया गया कि दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए। विदित हो कि बैठक में कुल 19 मामलों में पीड़ितों के मुआवजे भुगतान के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। उक्त मामलों में मुख्यतः मार-पीट, गाली-गलौज, घर में घुसकर मारपीट करना, चांदी का जेवर ले लेना, घर में घुसकर जख्मी करना, मोबाईल छीन लेना, चाकू से सिर फोड़ना, यौन शोषण, जाति सूचक शब्द कह कर अपमानित करना इत्यादि अत्याचार के मामले शामिल हैं।
उपायुक्त ने जिला कल्याण पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि विभाग से प्राप्त मार्गदर्शन के अनुसार अत्याचार मामलों में पीड़ितों को भुगतान किए जाने वाले नियमानुकूल देय राशि का देना सुनिश्चित करेंगे। अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के विभिन्न धाराओं का व्यापक रुप से प्रचार-प्रसार करने का निर्देश जिला कल्याण पदाधिकारी को दिया गया। इसके अलावा उन्होंने पुलिस प्रशासन को अत्याचार के लंबित मामलों में प्राथमिकी तथा आरोप पत्र समेत सभी मामलों पर रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। ताकि पीड़ितों को देय राशि का भुगतान ससमय सुनिश्चित किया जा सके।

मौके पर पुलिस अधीक्षक डॉ एहतेशाम वकारिब, उप विकास आयुक्त आलोक त्रिवेदी, निदेशक डीआरडीए नेलसम एयोन बागे, अपर समाहर्ता अनिल तिर्की, अनुमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार, सिविल सर्जन डॉ ए.बी.प्रसाद, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अशोक कुमार, डीएसपी संजीव, जिला कल्याण पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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