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मायुमं ने नवरात्र में जन्म लेने वाली बच्चियों के अभिभावकों को किया सम्मानित

  • मंच द्वारा चलाया जा रहा है कन्या भ्रुण संरक्षण कार्यक्रम
  • चिकित्सकों और अभिभावकों ने की मंच के इस पहल की सराहना

कोडरमा। अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच का राष्ट्रीय कार्यक्रम कन्या भ्रुण संरक्षण को लेकर शहर के अलग-अलग हॉस्पिटलों में दो चरणों में 11 बच्चियों को भेंट देकर सम्मानित किया गया। दुर्गा पूजा के मौके पर दूसरे चरण में शहर के शुभ लाभ हॉस्पिटल, केयर हॉस्पिटल, ओम हॉस्पिटल मंे जन्म लेने वाली 6 बच्चियों के जन्म पर उनके माता-पिता, दादा दादी और नाना नानी को सम्मानित किया गया। मंच के पदाधिकारियों ने इस अवसर पर परिजनों को बुके देकर और बच्चियों को हिमालया बेबी किट, बच्ची का कपड़ा, खिलौना, गर्म पानी रखने का थरमस और फल वितरण किया। इस मौके पर डॉक्टर, हॉस्पिटल के कंपाउंडर और नर्स मौजूद रही।

समाज की धरोहर है बेटियां: डॉ. अनुपम

इस मौके पर मौजूद डॉक्टर अनुपम टोप्पो ने कहा कि नवरात्र के मौके पर बच्चियों के जन्म पर इस प्रकार मारवाड़ी युवा मंच का बच्चियों और उसके अभिभावकों को सम्मानित करना बहुत ही गर्व की बात है। इस तरह के कार्यक्रम समाज के हर वर्गों के लोगों के बीच बहुत ही अच्छा उदाहरण बनता है, जिस तरह लोग बेटों के जन्म पर उत्सव मनाते हैं, हमें बेटियों के जन्म पर भी इसी प्रकार उत्सव कर उनका मान बढ़ाना चाहिए। बच्चियां शक्ति का रूप होती हैं, नवरात्र मंे नवमी के दिन नौ कुंवारी कन्याओं का पूजन का प्रचलन है ऐसे में आज के इस समय में जिनके घर में कन्या का जन्म होता है वह और उनका परिवार भाग्यशाली है। ऐसे में कन्या भ्रुण हत्या महापाप है। समाज के हर तबके को यह सोचना आवश्यक है कि बेटी नहीं होगी तो रोटी कौन खिलाएगा की सार्थकता पर प्रश्न चिन्ह लग सकता है।

बच्चियों के बिना एक सभ्य समाज की कल्पना करना व्यर्थ: अमित अग्रवाल

कार्यक्रम के परियोजना निदेशक अमित अग्रवाल ने कहा कि अगर हम बच्चियों को जन्म ही नहीं लेने देंगे तो औरत शब्द का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा और हम एक सभ्य समाज की कल्पना भी नहीं कर सकते, क्योंकि एक इंसान को सभ्य बनाने में सबसे बड़ी जिम्मेवारी एक मां की ही होती है। ऐसे में बच्चियों के जन्म पर उत्सव के रूप में मनाए और सरकार एवं स्वयं सेवी संगठनों द्वारा जो कल्याणकारी योजनाएं संचालित हो रही है इसका भी लाभ लें। मायुमं के अध्यक्ष संदीप हिसारिया सचिव उमंग अग्रवाल, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के शाखा संयोजक प्रदीप हिसारिया, महावीर खेतान ने कहा कि आज के इस दौर में बेटियों को हमें बेटों से कम नहीं आंकना चाहिए। आज के दौर में बेटियां अंतरिक्ष में भी जा चुकी हैं और राष्ट्रपति के पद पर भी सम्मानित की जा चुकी हैं। प्रशासनिक सेवा के अलावे डॉक्टर, नर्स, जज, वकील, सांसद, विधायक और भी बहुत से पदों पर बेटियां विराजमान हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि बेटियां हर घर का अभिमान है।

बेटी का पिता होना गर्व की बात

इस मौके पर बच्ची के पिता आकाश वर्णवाल ने कहा कि मेरी यह पहली संतान है जो भी माता के रूप में आई है इसका नाम माता के किसी रूप के नाम पर ही रखुंगा। मारवाड़ी युवा मंच के इस कार्यक्रम से बेटियों के प्रति ओर भी सम्मान जागृत हो गया है। मुझे गर्व है कि मैं एक बेटी का बाप हूं।

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