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माले ने मोदी सरकार के खिलाफ मनाया विश्वासघात दिवस, निकाला प्रतिवाद मार्च

  • कहा, सरकार फिर दे रही है किसानों को धोखा
  • झारखंड सरकार पर भी वादाखिलाफी का लगाया आरोप
  • कहा मजदूरों के हो रहे शोषण के खिलाफ बोलने पर झुठे केस में फंसा रही है प्रशासन
  • मुद्रा राईस मील प्रकरण में सही जांच नही करने पर दी आंदोलन की चेतावनी

गिरिडीह। भाकपा माले ने सोमवार को देश व्यापी आह्वान के तहत विश्वासघात दिवस मनाते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर किसानों के साथ पुनः दगाबाजी करने का आरोप लगाया। वहीं झारखंड सरकार पर भी किसान-मजदूरों के हितों के साथ लापरवाही बरतने को लेकर निशाना साधा। इस दौरान माले कार्यकर्ताओं ने स्थानीय झंडा मैदान से एक प्रतिवाद मार्च निकालकर टावर चौक पर प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम की अगुवाई भाकपा माले के जिला सचिव पूरन महतो, राज्य कमेटी सदस्य राजेश यादव के अलावा जिला कमेटी सदस्य राजेश सिन्हा, पप्पू खान, प्रीति भास्कर, फूल देवी आदि ने संयुक्त रूप से कर रहे थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि, ऐतिहासिक किसान आंदोलन के सामने मोदी सरकार ने समर्पण करते हुए काले कृषि कानून वापस तो ले लिए लेकिन किसानों की कई अन्य प्रमुख मांगों पर वायदा करने के बावजूद अभी तक अमल करना शुरू नहीं किया है। कहा कि, एमएसपी पर कानून बनाने, शहीद किसानों के परिजनों को मुआवजा देने, आंदोलनकारी किसानों पर से केस हटाने सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर मोदी सरकार वायदे करने के बावजूद उसे पूरा करने को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है। यह देश के किसानों के साथ मोदी सरकार की सीधी दगाबाजी है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, इसलिए आज देशव्यापी विरोध हो रहा है।

इस दौरान झारखंड सरकार पर भी निशाना साधते हुए माले नेताओं ने कहा कि, यह सरकार भी मजदूर-किसानों के हितों के प्रति जिम्मेवारी से भाग रही है। भाजपा सरकार के समय जिस तरह शोषण हो रहा था, वह अभी बदस्तूर जारी है। इस साल भी किसानों को धान की सही कीमत नहीं मिल सकी। धान खरीदने की सरकार की घोषणा सिर्फ मीडिया की सुर्खियां बनी, धरातल पर पर्याप्त किसान इससे लाभ नहीं उठा सके।

कहा कि, कल-कारखानों में काम करने वाले मजदूरों का शोषण भाजपा शासन की तरह ही जारी है। पिछले दिनों हुए मुंद्रा राइस मिल प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा गया कि, एक तो मजदूरों का शोषण नहीं रुक रहा, ऊपर से शोषण का प्रतिकार करने और मजदूरों को अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करने वालों को झूठे केस करके दबाने की कोशिश हो रही है। माले नेताओं ने मुंद्रा राइस मिल मामले में आरोपित नेताओं समेत कई अन्य निर्दाेष लोगों को भी केस से बरी करने की मांग की और कहा कि यदि बिना जांच निर्दाेष लोगों पर कार्रवाई हुई तो जिले भर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

मौके पर अखिलेश राज, मनोज यादव, नौशाद अहमद चांद, संजय चौधरी, सनातन साहू, निशांत भास्कर, माणिक त्रिवेदी, पंकज पंडित, रेखा देवी, गुड़िया देवी, सोनिया देवी, सबिता देवी, सोनू रवानी, मजबूल हक, मनीष कुमार, संतोष राय, मो0 गुड्डू, राजू दास, बजरंगी दास, मो0 नियाज, बालेश्वर यादव, छोटू यादव, रंजीत सिंह, सुजीत कुमार, महेश तुरी सहित अन्य मौजूद थे।

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