तिसरी में मनाया गया डॉ भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती, बाबुलाल मरांडी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने किया माल्यएर्पण
- आदिवासी समाज कल्याण समिति व रविदास महासभा ने भी किया कार्यक्रम का आयोजन
- अल्पसंख्यकों और गरीबों को अपने अधिकारों के लिए आवाज बूलांद करने के लिए किया था प्रेरित : बाबूलाल मरांडी
गिरिडीह। तिसरी प्रखंड के अलग-अलग कई स्थानों में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस कड़ी में तिसरी बरनवाल धर्मशाला में झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री सह धनवार विधायक बाबूलाल मरांडी ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया। वहीं तिसरी व चंदौरी के मण्डल अध्यक्ष के अलावे अन्य भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं ने अपनी बातों को बारी बारी से रखा।
मौके पर धनवार विधायक बाबुलाल मरांडी ने कहा कि डॉ. अंबेडकर को भारतीय संविधान निर्माता के तौर पर जाना जाता है। उनकी भूमिका संविधान निर्माण में तो अतुल्य थी ही, साथ ही दलित समाज के उत्थान में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू में एक गांव में हुआ था। उस दौर में उन्हें आर्थिक और सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा। अल्पसंख्यकों और गरीबों को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए वह प्रेरित करते थें।
मौके पर भाजपा नेता अशोक उपाध्याय, भाजपा सांसद प्रतिनिधि मनोज यादव, प्रमुख राजकुमार यादव, चंदौरी मंडल अध्यक्ष रबिंद्र पंडित, सुनील साव, किसान मोर्चा के अध्यक्ष कपिल यादव, सोनू हेमब्रोम, नरेश यादव, रामचंद्र ठाकुर, उदय साव, लक्ष्मण मोदी, किसून यादव, कन्हैया सिंह आदि भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।
इधर पंचायत भवन में आदिवासी समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष सोनू हेमब्रोम के नेतृत्व एवं रविदास महासभा के अध्यक्ष लाटो रविदास के नेतृत्व में बाबा साहब अंबेडकर की जयंती मनाई गई। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाजपा सांसद प्रतिनिधि मनोज यादव, मुखिया किशोरी साव, रिंकू बरनवाल उपस्थित थे। दोनो समिति अलग-अलग पंचायत भवन के प्रांगण में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के तस्वीर पर माला पहनाकर पुष्प अर्पित किया गया। वहीं कोडरमा संसद प्रतिनिधि मनोज यादव ने कहा कि आज पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी के निर्देशानुसार डॉ भीमराव अंबेडकर का जयंती मनाया जा रहा है। उन्ही के द्वारा बनाया गया संविधान पर हमारा लोकतंत्र का तीनो स्तंभ है। न्यायपालिका, विधायका और कार्यपालिका उन्ही के द्वारा बनाये गये, जिससे हमारा देश और लोकतंत्र चल रहा है।
आदिवासी समाज के अध्यक्ष सोनू हेमब्रोम ने कहा बेहद विषम परिस्थितियों में पढ़ाई करने वाले बाबा साहेब ने स्कूल में भी भेदभाव का सामना की थी। डॉ. आंबेडकर का जीवन संघर्ष और सफलता की कहानी सभी के लिए प्रेरणा है। उनके विचार महिलाओं को पुरुषों के बराबर, अल्पसंख्यकों और गरीबों को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित करते थें। इस मौके पर आदिवासी समाज कल्याण समिति के उपाध्यक्ष अनासियास हेंब्रम, रविदास महासभा के मुख्य संरक्षक गोपी रविदास, लाटो रविदास, मनोज रविदास सहित दर्जनों रविदास लोग मौजूद थे।