कोलकाता में महालया पर लाखों लोगों ने किया तर्पण
अधिमास के कारण एक महीने बाद शुरू होगा दुर्गा पूजा महोत्सव
कोलकाता। महालया पर गुरुवार को पश्चिम बंगाल में लाखों लोगों ने ‘तर्पण’ किया। वैसे, इस साल अधिमास के कारण दुर्गा पूजा महोत्सव एक महीने बाद शुरू होगा। 17 अक्टूबर को नवरात्र प्रारंभ होगा। कोरोना संकट के बीच राज्यभर में लाखों लोगों ने हुगली और अन्य नदियों व जलाशयों के किनारे अपने पुरखों का तर्पण किया। उधर, आकाशवाणी पर सुबह देवी दुर्गा को समर्पित महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का प्रसारण भी किया गया।
मालूम हो कि पहली बार 1930 के दशक में पश्चिम बंगाल में आकाशवाणी पर महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के पाठ का सीधा प्रसारण किया गया था। इसके बाद हरेक साल महालया पर इसका प्रसारण किया जाता है। हुगली के विभिन्न घाटों पर कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए जल यातायात पुलिस ने कड़ी निगरानी रखी थी। अधिकारियों ने कहा कि कोलकाता के 18 घाटों पर तर्पण किए जाने के दौरान उचित सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध किया गया है।
बताते चलें कि पितृ पक्ष के अंतिम दिन, परिवार के वरिष्ठ जन अपने पुरखों को जल देकर उन्हें ‘तृप्त’ करते हैं। इस अनुष्ठान को तर्पण कहा जाता है। कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को घाटों पर तैनात किया गया है। जबकि नागरिक पुलिस स्वयंसेवियों को सामाजिक दूरी का पालन कराने के लिए तैनात किया गया है। घाटों के आसपास सड़कों पर वाहनों का आवागमन भी प्रतिबंधित है। महालया पर मूर्तिकार, देवी दुर्गा की प्रतिमाओं की ऑंखें बनाते हैं और इस परंपरा को ‘चोखु दान’ कहा जाता है। लेकिन, इस साल दुर्गा पूजा एक महीने बाद शुरू होने के कारण यह परंपरा नहीं हुई।