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बीएनएस डीएवी, एसएसभीएम व गर्ल्स स्कूल में मनाई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती

  • शिक्षकों के साथ छात्र छात्राओं ने नेताजी को किया नमन

गिरिडीह। नेती जी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के मौके पर सोमवार को विभिन्न स्कूलों में भी कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें याद किया गया। इस क्रम में सिरसिया के बीएनएस डीएवी स्कूल में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती मनाते हुए उन्हें नमन किया। इस दौरान छात्राओं ने सामूहिक देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। मौके पर स्कूल के प्रिंसिपल डॉ पी हाजरा ने छात्रों को नेता जी की जीवनी के साथ उनके रहस्यमय तरीके से हुई मौत पर भी छात्रों को कई दिलचस्प जानकारी दी।

वहीं सरस्वती शिशु विद्या मंदिर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया। प्रधानाचार्य शिवकुमार चौधरी एवं अजीत मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर नेताजी पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। मौके पर छात्रा बहन प्रिया, मीतश्री एवं अमरदीप ने उनके जीवनी पर प्रकाश डाला। प्रधानाचार्य श्री चौधरी ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस बहुत ही प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के धनी थे। गांधी जी के द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया किंतु गांधीजी और नेताजी की विचारधारा एक मोड़ पर आकर के बिल्कुल ही अलग हो गए। नेताजी एकमात्र ऐसे नेता हैं जो कि स्वतंत्रता आंदोलन को एक नया मोड़ दिया था। उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन कर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। मौके पर शिक्षक शुभेंदु चंदन, राजेंद्र लाल बरनवाल, दिनेश सिंह एवं समस्त आचार्य उपस्थित थे।

सर जेसी बोस बालिका उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक देवेंद्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गई। इस मौके पर शिक्षकों व छात्राओं ने नेता जी तस्वीर पर माल्यार्पण उन्हें नमन किया। मौके पर प्रधानाध्यापक श्री सिंह ने कहा कि नेता जी एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई के लिए अपनी सुख-सुविधा सब को त्याग करके देश तो क्या देश से परे विदेशों में भी जाकर आजादी की लड़ाई का शंखनाद किया था। शिक्षक मुन्ना कुशवाहा ने नेताजी के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि गांधीजी की अहिंसा प्रभावशाली तो थी ही लेकिन नेताजी के स्वाभिमान और सर्वस्व न्योछावर ने उस आजादी को जल्दी पूरा किया।

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