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अवैध संबध में उप्र के रियल स्टेट कारोबारी की गिरिडीह में हत्या

कारोबारी का बताया जाता है राजमिस्त्री की पत्नी से अवैध संबंध

मामले में एक गिरफ्तारए मुख्य आरोपी समेत छह फरार

जमुनियाटांड़ मैदान में मिली थी सिर कटी लाश धनवार एसडीपीओ ने किया खुलासा

गिरिडीह।
गिरिडीह के राजधनवार थाना क्षेत्र के परसन ओपी के जमुनियाटांड़ मैदान में मिले सिर कटे शव मामले का उद्भेदन करने में पुलिस 12 दिन बाद सफल रही। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल एक आरोपी इब्राहिम अंसारी को दबोच लिया है। उसके पास से मर्डर वैपन के तौर पर चादरए गमछा और दो बड़े चाकू बरामद किया गया। हालांकि पुलिस गिरफ्त से मुख्य आरोपी मकसूद समेत छह आरोपी अब भी फरार हंै।

जमुनियाटांड़ मैदान से सिर कटा शव बीते 31 अगस्त को बरामद किया गया और दूसरे दिन मैदान से करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर एक तालाब से सिर के साथ मोबाइल फोन बरामद किया था। तालाब से मिले सिर के आधार पर मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के गोपीगंज थाना क्षेत्र के कोलापुर गांव निवासी सत्येंद्र नाथ मिश्रा के रुप में की गई। मृतक अपने बड़े भाई हरेंद्र नाथ मिश्रा के साथ रियल स्टेट के कारोबार से जुड़ा था। मृतक सत्येंद्र नाथ को उसके यहां काम करने वाले गिरिडीह के जमुआ के रहने वाले राजमिस्त्री मकसूद ने अपने फुफेरे भाई इब्राहिम समेत सात लोगों के साथ मिलकर अवैध संबध के मामले में यूपी से गिरिडीह लाकर उसकी हत्या की थी।

पुलिस के अनुसार हत्या का कारण मृतक और मकसूद की पत्नी के बीच अवैध संबध सामने आया है। मामले को डिस्पोजल करने को लेकर एसपी अमित रेणु के निर्देश पर एसआईटी टीम का गठन किया गया था। हत्याकांड में शामिल एक आरोपी इब्राहिम अंसारी उर्फ गुर्जर को पचंबा थाना क्षेत्र के तेलोडीह गांव से उसके एक रिश्तेदार के घर गिरफ्तार किया गया। जबकि इब्राहिम हीरोडीह थाना क्षेत्र के तुलसीडीह गांव का रहने वाला है। पुलिस की माने तो इस केस का पहला सुराग मृतक के मोबाइल से मिला। जिसमें हत्याकांड में शामिल इब्राहिम अंसारी व उसके फुफेरे भाई और मुख्य अभियुक्त मकसूद अंसारी का नंबर दर्ज था।

इधर 12 दिनों बाद हत्याकांड का खुलासा करते हुए एसपी अमित रेणु और पुलिस निरीक्षक विनय राम ने शनिवार को प्रेसवार्ता कर पूरे मामले की जानकारी दी। एसपी ने बताया कि हत्याकांड का मुख्य आरोपी मकसूद अंसारी जमुआ थाना क्षेत्र के लंहगियां का रहने वाला था और करीब 10 सालों से भदोही में रह रहा था। मृतक सतेन्द्र नाथ मिश्रा ने ही मकसूद व उसके फुफेरे भाई इब्राहिम अंसारी को भदोही में अपने अपार्टमेंट निर्माण के काम लगाया था। मकसूद अपने भाई इब्राहिम के साथ मिलकर मृतक सतेन्द्र नाथ मिश्रा के चाचा का मकान बना रहा था। मकान बनाने के क्रम में ही मकसूद ने जरुरत के लिए सत्येंद्र से दो लाख रुपये कर्ज मांगा था। दो लाख रुपये मांगने को लेकर मृतक रियल स्टेट कारोबारी सत्येंद्र नाथ हर रोज मकसूद के घर पहुंचता था। जहां मकसूद की मौजदूगी में सत्येंद्र नाथ की पहचान मकसूद की पत्नी से हुई। इसके बाद मृतक हर रोज तीन से चार बार मकसूद के घर अपने पैसे मांगने के बहाने पहुंचने लगा। इसी क्रम में सत्येंद्र और मकसूद की पत्नी के बीच अवैध संबध बना। जिसकी जानकारी मकसूद को उसके बच्चों ने दी थी।

बाद में कारोबारी की हत्या की योजना मकसूद ने अपने भाई के साथ बनायी। पुलिस की मानें तो इब्राहिम ही मुर्हरम के एक दिन पहले भदोही से कारोबारी सत्येंद्र नाथ को यह कहकर बाईक से गिरिडीह लाया कि वह मकसूद की पत्नी से उसकी शादी करा देगा। इब्राहिम की बात सुनकर कारोबारी उसके साथ बाईक से गिरिडीह के धनवार के जमुनियाटांड़ मैदान पहुंचा। जहां मकसूद और इब्राहिम ने पहले सत्येंद्र नाथ को जमकर शराब पिलायी। फिरए गांजा समेत कई प्रकार का ड्रग्स दिया। नशे के बीच सत्येंद्र नाथ मैदान में ही सो गया। इस बीच मकसूद पहले से पांच और लोगों को मैदान में बुलाकर रखा था। जहां सबों ने सत्येंद्र नाथ की हत्या सिर काट कर की। इसके बाद सिर और मृतक के मोबाइल को तालाब में फेंक दिया था। तालाब से सिर और मोबाइल मिलने के बाद दूसरे दिन मृतक के बड़े भाई हरेंद्र नाथ को बुलाया गया। बड़े भाई ने सत्येंद्र की पहचान उसके जूते से की थी।

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