पांव पसारते कोरोना संक्रमण के बीच गिरिडीह में खत्म हुआ कोरोना का स्वदेशी वैक्सीन कोविशील्ड
नया स्टाॅक आने तक बंद हो सकता है टीकाकरण अभियान, डीसी और सिविल सर्जन लगातार है संपर्क में
गिरिडीहः
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण लोगों को भयभीत होने पर मजबूर कर दिया है। तो दुसरी तरफ बीतें मंगलवार को कोरोना महामारी के कारण गिरिडीह के महेशमुंडा के एक व्यक्ति की मौत इलाज के दौरान हो गया। संक्रमण रोकने के लिए हेंमत सरकार ने नए निर्देश तो जारी कर दिए है। लेकिन परेशानी की बात है कि महामारी को रोकने वाला स्वदेशी कोवीशील्ड वैक्सीन का स्टाॅक भी गिरिडीह में खत्म हो चुका है। इसकी पुष्टि बुधवार को सिविल सर्जन डा. सिद्धार्थ सन्याॅल ने किया है। जाहिर है कि बुधवार तक अगर गिरिडीह स्वास्थ विभाग को वैक्सीन का सहयोग नहीं मिला। तो गुरुवार से कोरोना का टीकाकरण बंद होने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि हालात को देखते हुए डीसी और सिविल सर्जन पर इस पर खास नजर रखे हुए है। लिहाजा, डीसी लगातार राज्य स्वास्थ मंत्रालय के साथ कई दुसरे जिलों के संपर्क में है कि स्वास्थ मंत्रालय से नया स्टाॅक आने तक गिरिडीह स्वास्थ विभाग को कुछ वैक्सीन दुसरे जिलों से मिल जाएं। जिसे टीकाकरण किसी सूरत में बंद नहीं हो। लेकिन कोई सहयोग अगर नहीं मिला, तो गुरुवार से टीकाकरण के कार्य पर ब्रेक भी लग सकता है। क्योंकि बुधवार तक जिले में वैक्सीन के महज 2300 सौ डोज ही उपलब्ध थे। और वह भी लगातार टीकाकरण के कारण खत्म हो चुका है। जानकारी के अनुसार स्वदेशी वैक्सीन कोविशील्ड के चार हजार के स्टाॅक का सहयोग सोमवार को ही साहेबगंज जिले से गिरिडीह स्वास्थ विभाग को दिया गया था। जबकि तीन हजार पहले से मौजूद था। लेकिन मंगलवार तक पूरे जिले के 63 केन्द्रों में चार हजार 85 लाभार्थियों को वैक्सीन लग चुका था। इसके बाद बचे वैक्सीन के 2915 डोज में जिले के कई स्वास्थ केन्द्रों को दिया गया। तो 700 के करीब डोज सदर अस्पताल के पास था। जबकि कबीर ज्ञान मंदिर को 150 डोज उपलब्ध कराया गया। और 60 से 70 डोज बुधवार को ही मीडिया कर्मियों को दिया गया। इधर स्वास्थ विभाग के आंकड़ो की मानें तो पूरे जिले में अब तक तीन लाख लोगों को वैक्सीन लग चुका है। बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए ही डीसी राहुल सिन्हा के निर्देश पर टीकाकरण अभियान को तेज किया गया। लेकिन अब वैक्सीन जब खत्म हो चुका है तो टीकाकरण में भी ब्रेक लग सकता है।