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दो माह में गिरिडीह यातायात थाना ने 400 वाहनों के आॅनलाईन और आॅफलाईन जुर्माना के चालान, वसूले गए अब तक सिर्फ ढाई लाख

गिरिडीह
नियम तोड़कर सवारी वाहन टोटो और दो पहिया वाहन चला रहे चालकों के खिलाफ गिरिडीह यातायात थाना पुलिस सख्ती तो बरत रही है। और पिछले कई महीनों से कार्रवाई भी कर रही है। लेकिन अनावश्यक राजनीतिक दबाव के कारण यातायात थाना नियमों को तोड़कर वाहन चलाने वालों के खिलाफ सही तरीके से ना तो जर्मुाना ही वसूल पा रही है। और ना ही वैसे चालकों पर दडांत्मक कार्रवाई कर पा रही है। लिहाजा, यातायात थाना पुलिस बाईक और टोटो को पकड़ती नहीं कि उनके पैरवीकारों का फोन तक आ जाता है। इसकी बानगी भी है कि पिछले दो माह जनवरी और चालू माह फरवरी में ही यातायात थाना ने चार सौ से अधिक टोटो और दो पहिया वाहनों का मैन्अुल और आॅनलाईन चालान काटा और करीब 10 लाख का जुर्माना लगाया था। लेकिन वसूली सिर्फ दो लाख 65 हजार तक हो पाया है। जुर्माना वसूली की यह राशि काटे गए मैन्अुल चालान से यातायात थाना वसूल कर पाया है। वहीं आॅनलाईन काटे गए जुर्माना की राशि साढ़े सात लाख वसूलने में यातयात थाना के पसीने उतर रहे है।
इसकी पुष्टि करते हुए यातायात थाना प्रभारी प्रेमशंकर उरांव ने कहा कि यह सही है कि आॅनलाईन काटे गए जुर्माना वसूली की राशि अब भी साढ़े सात लाख वसूलने बाकी है। इस वसूली का दबाव भी राज्य मुख्यालय से लगातार बना हुआ है। लिहाजा, अब वैसे चालकों को नोटिस कर वाहन जब्त करने का अल्टीमेटम दिया जाएगा। जिनका चालान आॅनलाईन काटा गया था। लेकिन चालकों को हर रोज फोन कर जुर्माना भरने का हिदायत दिया जा रहा है। जमा नहीं करने पर यातायात थाना अब सख्ती बरतेगी। यातायात थाना प्रभारी प्रेमशंकर उरांव की मानें तो आॅनलाईन चालान काटने का मतलब सीधे तौर पर आॅन द स्पाॅट जुर्माना लेने का प्रावधान है। इस कार्रवाई के दौरान कई ऐसे चालकों के पास पैसे भी नहीं होते। तो उनका चालान काट तो दिया जाता है। लेकिन वैसे चालक जुर्माना भुगतान करने पर लापरवाही भी करते है।
बताते चले कि महामारी काल में ही राज्य सरकार ने नियमों को तोड़कर वाहन चलाने पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया था। जिसमें प्रदुषण फेल वाहनों से एक हजार रुपये का जुर्माना, तो बगैर माॅस्क के वाहन चलाने पर 500 सौ रुपए का जुर्माना, बगैर हेलमेट पर 1000 हजार रुपए, बगैर लाईसेंस पर 5 हजार और बीमा फेल रहने पर 2000 हजार का जुर्माना लेने का प्रावधान तय था। और यातायात थाना में इन्हीं नियमों के उल्लघंन पर दो माह में 400 वाहन चालकों से 10 लाख के जुर्माने का चालान काटा था।

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