हाथरस की घटना के विरोध में गिरिडीह व जमुआ में माले ने दिया धरना
योगी सरकार पर जमकर साधा निशाना, इस्तिफे की की मांग
गिरिडीह। हाथरस पीड़िता को न्याय दिलाने तथा योगी सरकार के इस्तीफे की मांग को गिरिडीह मुख्यालय सहित जमुआ में माले ने धरना दिया। गिरिडीह के झंडा मैदान में आयोजित धरना की अगुवाई पार्टी के राज्य कमेटी सदस्य राजेश कुमार यादव, गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा, ऐपवा नेत्री प्रीति भास्कर कर रही थी। धरना को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि पूरा उत्तर प्रदेश अपराधियों और बलात्कारियों का सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है फिर भी मुख्यमंत्री योगी बेपरवाह हैं। कहा कि जिस तरह से सवर्ण सामंती गुंडों ने दलित लड़की के साथ बर्बर अत्याचार कर उसका जीवन समाप्त कर दिया, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए बहुत बड़ा कलंक है। कहा कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी जिस तरह योगी राज की पुलिस ने मामले को दर्ज करने में देरी की और बाद में लड़की के मर जाने पर भी परिजनों को शव देने या उनकी सहमति लिए बगैर ही आनन-फानन में उसका दाह संस्कार तक कर दिया उससे पूरी स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
माले कार्यकर्ताओं ने निकाला प्रतिवाद मार्च
इधर जिला व्यापी कार्यक्रम के तहत भाकपा माले के जमुआ प्रखंड कमेटी ने गुरुवार को हाथरस की घटना के विरोध में प्रखंड कार्यालय के समीप धरना दिया। धरना के दौरान ही कार्यकर्ताओं ने मृतिका मनीषा कुमारी को दो मिनट का मौन भी धारण कर श्रद्धाजंलि दिया। इसे पहले पूरे जमुआ में प्रतिवाद मार्च निकाला गया। प्रतिवाद मार्च के दौरान पार्टी के कैडरों ने योगी सरकार व यूपी पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया। इस दौरान भाकपा माले की नेत्री पर सोशल मीडिया में भाजपा कार्यकर्ता द्वारा किए गए आपतिजनक टिप्पणी पर भी कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जताया।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि माले नेत्री पर टिप्पणी के बाद अब बगोदर पुलिस झूठे केस कर चुकी है। निश्चित तौर पर यह घटना हेंमत सरकार के कार्यकाल में पदाधिकारियों के बढ़ते मनोबल को ही दर्शाता है। धरने के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने गिरिडीह पुलिस से तुंरत झूठा केस वापस लेने की मांग की। धरना में माले के राज्य कमेटी सदस्य अशोक पासवान, जिला कमेटी सदस्य विजय पांडेय के अलावे मीना दास, रीतलाल वर्मा, रंजीत यादव और असगरअली समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे।