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गिरिडीह में श्रद्धा भाव से हुई कलम और दवात के देवता भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना

  • बार लाईब्रेरी सहित कई स्थानों पर प्रतिमा स्थापित कर की गई पूजा
  • मकतपुर पंचमंदिर में 1961 में की गई थी भगवान चित्रगुप्त के मंदिर का निर्माण
  • सदर विधायक व एसडीपीओ सहित कई जनप्रतिनिधि भी हुए शामिल
  • कायस्थ समाज के लोगों ने घरों में पूजा करने के बाद सार्वजनिक रूप से आयोजित भैयारी भोज में हुए शामिल

गिरिडीह। कलम और दवात के देवता भगवान चित्रगुप्त की जयंती बुधवार को गिरिडीह में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस मौके पर कायस्थ समाज के लोगों ने अपने घरों के अलावे विभिन्न मंदिरों में सार्वजनिक तौर पर भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की। जिसमें समाज के लोग शामिल हुए और श्रद्धा भाव से भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना की। मौके पर बार एसोसिएशन सहित विभिन्न पूजा स्थलों पर पूजा समिति के द्वारा भैयारी भोज का भी आयोजन किया गया। जिसमें कायस्थ समाज के अलावे अन्य समाज के भी लोग शामिल हुए प्रसाद ग्रहण किया।

इस क्रम में अधिवक्ता संघ भवन में केन्द्रीय चित्रगुप्त पूजा समिति के द्वारा भगवान चित्रगुप्त की भव्य प्रतिमा स्थापित कर बड़े ही श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना की गई। वहीं करबला रोड स्थित चित्रांश भवन में राष्ट्रीय कायस्थ वृंद, पूराना जेल परिसर स्थित मंदिर में चित्रगुप्त महापरिवार, मकतपुर स्थित पंचमंदिर, पटेल नगर स्थित पूर्ण कामेश्वर मंदिर, बनियाडीह में कोयलांचल चित्रगुप्त परिवार के द्वारा भव्य रूप से भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना की गई।

इस दौरान सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, एसडीपीओ अनील सिंह, पूर्व मंत्री चन्द्रमोहन प्रसाद, पूर्व विधायक निर्भय शहाबादी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश सहाय, महासचिव चुन्नूकांत, उपाध्यक्ष अजय कुमार सिन्हा, राकेश सिन्हा, अजय बक्शी, सतीश कुंदन, चंदन सिन्हा, राजीव सिन्हा, नित्यानंद प्रसाद सहित काफी संख्या में अधिवक्ता और समाज के लोग शामिल हुए और भैयारी भोज का लूत्फ उठाया।

इधर मकतपुर पंचमंदिर में स्थापित भगवान चित्रगुप्त मंदिर में भी पूजा अर्चना के बाद आयोजित में भी भैयारी भोज का आयोजन किया गया। जिसमें काफी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। मौके पर मौजूद समिति के नित्यानंद प्रसाद ने बताया यह मंदिर जिले का सबसे पूराना चित्रगुप्त मंदिर है। बताया कि मकतपुर के रहने वाले स्व0 जय प्रकाश लाल व उनकी पत्नी इंद्रावती देवी के द्वारा 1961 में पंचमंदिर परिसर में भगवान चित्रगुप्त के मंदिर का निर्माण किया गया था। कहा कि प्रत्येक वर्ष मुहल्ले के लोगों के द्वारा भव्य रूप चित्रगुप्त पूजा का आयोजन किया जाता है। जिसमें सभी समाज के लोग शामिल होते है।

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