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कोरोना काल में जमीन की खरीद-ब्रिकी कम होने से राजस्व प्रभावित

गिरिडीह। कोरोना काल में जमीन की खरीद-ब्रिकी में आई कमी से गिरिडीह निबंधन कार्यालय का राजस्व सीधे तौर पर प्रभावित हुआ है। पिछले साल की तुलना में अब तक महज सात करोड़ पांच लाख का राजस्व ही झारखंड सरकार को हासिल हुआ। जबकि राज्य सरकार ने गिरिडीह जिले का लक्ष्य 30 करोड़ के करीब रखा है। इधर नौ माह बीत चुके है। लेकिन, राजस्व के मौजूदा लक्ष्य के अनुसार वित्तीय साल खत्म होने में अब सिर्फ छह माह का समय बचा हुआ है। लिहाजा, जिले के निबंधन कार्यालय की चिंता बढ़ती जा रही है कि हालात ऐसे ही रहे तो लक्ष्य हासिल करना भी मुश्किल हो जाएगा।

लक्ष्य पूरा करने का किया जा रहा प्रयास


जिला निबंधन पदाधिकारी सहदेव मेहरा ने कहा कि जो लक्ष्य तय किया गया है। उसे पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन जमीन की खरीद-ब्रिकी ही बेहद कम हो गई है। निबंधन पदाधिकारी ने यह भी कहा कि खरीद-ब्रिकी को लेकर जितने मापदंड सरकार ने तय किया है, उसी के अनुरुप अब जमीन की रजिस्ट्री की जा रही है। हालांकि निबंधन पदाधिकारी यह मानते है कि जिस प्रकार के नए नियम राज्य सरकार ने तय किए हैं, उससे रजिस्ट्री में कोई फर्क नहीं पड़ा है। पूरे दस्तावेज सही पाएं जाने के बाद ही रजिस्ट्री किए जाते हैं।

पिछले साल हुआ था 3044 से अधिक जमीन का निबंधन


इधर जिला मुख्यालय के निबंधन कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार अनलाॅक की प्रकिया के साथ ही रजिस्ट्री शुरु कर गई थी। नौ माह में पूरे जिले में अब तक 2079 जमीनों का निबंधन हो पाया है। मई में 99 जमीनों की रजिस्ट्री हुई। इसमें सरकार को 29 लाख 33 हजार का राजस्व मिला। जून से रजिस्ट्री में गति आई। जिसमें 733 रजिस्ट्री हुए, तो दो करोड़ पांच लाख का राजस्व मिला। इसी प्रकार जूलाई में 796 जमीनों की रजिस्ट्री की गई तो दो करोड़ 76 लाख का राजस्व हासिल हुआ। वहीं अगस्त में 651 रजिस्ट्री हुई। इस दौरान राज्य सरकार को एक करोड़ 94 लाख का राजस्व मिला।

अनलाॅक के बाद अब तक 2079 रजिस्ट्री ही हो पायी


वैसे पिछले साल 2019 की तुलना में मौजूदा आंकड़े को निबंधन पदाधिकारी भी बेहद कम मान रहे हैं। क्योंकि पिछले साल पूरे जिले में तीन हजार चार सौ 43 जमीनों का निबंधन किया गया था। इसे राज्य सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व भी मिला। आंकड़ो के अनुसार अप्रैल में 880 रजिस्ट्री हुई। तो 92 लाख 90 हजार का राजस्व मिला। मई में 62 लाख 76 हजार का राजस्व मिला, तो 740 रजिस्ट्री की गई। इसी प्रकार जून में एक करोड़ 66 लाख का राजस्व मिला। तो 955 रजिस्ट्री हुई। जबकि जुलाई में 1150 रजिस्ट्री हुई। तो 1 करोड़ 24 लाख का राजस्व हासिल हुआ। अगस्त में ही 718 रजिस्ट्री हुई तो एक करोड़ 97 हजार का राजस्व मिला।

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