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गावां वन क्षेत्र के जंगलों से हो रहा है सफेद पत्थर का अवैध खनन

विभाग बना है मूकदर्शक, नष्ट होने के कगार पर है जंगल

गिरिडीह। गावां वन विभाग क्षेत्र के तराई, जमदार, मालडा, कोनारबांक आदि जगहों में इन दिनों सफेद पत्थर माफिया पुनः सक्रिय हो गए है। जिससे पूरे क्षेत्र में सफेद पत्थरों का अवैध खनन धड़ल्ले से होने लगा है। सफेद पथरों के अवैध खनन होने के कारण काफी जंगल नष्ट होते जा रहे हैं और इससे सरकार को राजस्व की भी काफी हानि पहुंच रही है। सूत्रो के मुताबिक सफेद पत्थरों का काम करने वाले यहां के स्थानीय लोग है जो प्रशासनिक अधिकारियों के सांठ-गांठ से पत्थरों का खनन करते है। खनन के तत्पश्चात यह पत्थर ट्रेक्टर के माध्यम से कई जगह बनाए गए डंपिंग प्वाइंट में डंप किया जाता है जहां इसकी छोटे-छोटे टुकड़े करने के बाद इसकी छंटाई की जाती है। सभी पथरों के छंटाई के बाद पत्थर माफिया इसे डम्फर, हाईवा आदि के माध्यम से गिरिडीह स्थित मील में पिसाई के लिए भेज देते है जहां पिसाई होने के बाद पत्थरों का चूर्ण ऊंची कीमत में दूसरे राज्यों में निर्यात किया जाता है।

सूत्रो के मुताबिक पत्थरों के स्टॉक के लिए अनुमति लिए हुए कई डंप यार्ड भी इसका कारोबार कर रहे है और इसे अवैध से वैध बनाकर इसका सीधा निर्यात दुर्गापुर आसनसोल जैसे जगहों मे ऊंची कीमतों में करते है।

विगत हो कि कुछ माह पूर्व डीएमओ व डीएफओ द्वारा सन्युक्त रूप से इन क्षेत्रों में कार्यवाही की गई थी। जिसके बाद से यह डेढ़ महीनों तक बंद रहा। मगर प्रशासनिक व अधिकारिक सांठ-गाँठ के बाद यह पुनः शुरू हो चुका है।

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