LatestNewsTOP STORIESकोडरमागिरिडीहझारखण्डराँची

योजनाओं को ठेकेदार आपस में कैसे करते है मैनेज, देखिए गिरिडीह जिला पर्षद का हाल, उड़ाई जा रही नोटो के बंडल

गिरिडीहः
कोरोना का प्रभाव संवेदको में भी दिख रहा है। शनिवार को जब गिरिडीह के जिला पर्षद में 15वें वित्त आयोग के 14 करोड़ की राशि से जिले के अलग-अलग प्रखंडो में 105 विकास योजनाओं का टेंडर होना था। जिन योजनाओं का टेंडर होना था। उनमें पुल-पुलिया और ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण की योजना शामिल है। लिहाजा, टेंडर के लिए टेंडर पेपर डालने के लिए ही संवेदकों की भीड़ लग गई। संवदेको की भीड़ जिला पर्षद में तो दिखा ही। साथ ही शहर के सर्कस मैदान में भी खूब दिखा। जहां संवेदको के हाथ में टेंडर पेपर के साथ नोटों की गडड्ी भी दिखा। और इस दौरान संवेदकों ने इन योजनाओं को अपने साथी संवेदकों को मैनेज करने को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ा। यहां तक कि मैनेज होने वाले संवेदक जितना मुंह खोल रहे थे। वैसे संवेदकों को उतना पैसे दिए जा रहे थे। हालांकि जो संवेदक मैनेज नहीं होना चाहते थे, वो डीसी से तत्काल जिला पर्षद के 15वीं वित्त आयोग की राशि से होने वाले टेंडर को रद्द करने का मांग किया। टेंडर रद्द करने वाले संवदेको का कहना था कि हर योजनाओं को सिर्फ इसलिए मैनेज किया जा रहा है। क्योंकि योजनाओं को कम फंड में काम कर निकाला जा सकें। लिहाजा, ऐसे योजनाओं के गुणवत्ता में खराबी आना तय है।


इधर जिला पर्षद के कार्यपालक अभियंता भोला राम ने कहा कि टेंडर पूरी पारदर्शिता के साथ ही किया जा रहा है। फिलहाल मैनेज किए जाने से कोई बात उनकी जानकारी में नहीं आई है। आने पर गंभीरता पूर्वक कार्रवाई किया जाएगा। लेकिन 14 करोड़ के लागत से 105 योजनाओं का टेंडर होना है।

Please follow and like us:
Show Buttons
Hide Buttons