डीसी ने की पारसनाथ विकास प्राधिकारण की उच्च स्तरीय बैठक
- कहा किसी सूरत में सम्मेद शिखर के पवित्रता से नही होगा खिलवाड़
गिरिडीह। जैन समाज के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल सम्मेद शिखर मधुबन का स्वरूप बदल कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने के प्रस्ताव के बीच गुरुवार को डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने पारसनाथ विकास प्राधिकारण की उच्च स्तरीय बैठक की। सरकार के निर्देश के बाद इस उच्च स्तरीय बैठक में डुमरी एसडीएम प्रेमलता मुर्मू, पीरटांड़ बीडीओ और अंचलाधिकारी के साथ डुमरी एसडीपीओ मनोज कुमार के साथ मधुबन के गुणायतन के महामंत्री सुभाष जैन, बीस पंथी कोठी के सुभाष सिन्हा समेत कई अधिकारी और अलग अलग तीर्थ क्षेत्र कमेटी के सदस्य शामिल हुए।
डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने मौजूद अधिकारयों को कड़ा निर्देश जारी करते हुए कहा की साल बीतने को है और नया साल आने वाला है। इसे ध्यान में रखते हुए पूरे सम्मेद शिखर मधुबन में किसी सूरत में मांस मंदिरा की बिक्री नही हो, और न ही सम्मेद शिखर में प्रवेश करने वाले ही कोई इसका इस्तेमाल करे। क्योंकि सम्मेद शिखर मधुबन कई दशक से आस्था का केंद्र है। पारसनाथ विकास प्राधिकारण के हुए बैठक में कई और मुद्दो पर चर्चा हुआ। लेकिन डीसी ने जोर देते हुए कहा की जल्द ही सम्मेद शिखर के डेवलपमेंट को लेकर छह सदस्यो के पैनल का गठन किया जाएगा। इसी पैनल के सुझाव पर मधुबन में नए सड़क निर्माण के साथ बायो शौचालय का भी निर्माण किया जाना है। लेकिन मांस मंदिरा पर जो रोक पहले से लगा है उसका पालन अब और कड़ाई से किया जाएगा। इसमें कोई लापरवाही नहीं होगी।
बैठक में शामिल गुणायतन ट्रस्ट के मंत्री सुभाष जैन ने कहा की अब मधुबन में बीस तीर्थकरो के पूजन दर्शन और वंदन के लिए आने वाले भक्तो को हर मंदिर ट्रस्ट और भवन के द्वारा सुझाव दिया जाएगा की वो सम्मेद शिखर का पवित्रता बनाए रखने के लिए प्लास्टिक के इस्तेमाल को खुद रोके। यहां तक प्लास्टिक को पार्श्वनाथ पहाड़ी पर भी लेकर नही जाए। जिसे बंदना करने और आस्था पर कोई चोट नहीं हो।
इधर डीसी ने कहा की पर्यटन स्थल के रूप में किए जाने को लेकर जो भ्रम है उसे दूर करने का प्रयास होगा। लेकिन गुणायतन ट्रस्ट के मंत्री सुभाष जैन ने कहा की अगर पर्यटन स्थल के रूप में सम्मेद शिखर में कोई कार्य शुरू होता है। तो उसका परिणाम भी जैन समाज को भुगतना होगा, क्योंकि वहा आने वाले फिर उसी रूप में मौज मस्ती करेंगे और नशीले पदार्थों का सेवन करेंगे, ये तय है। लिहाजा, इसका विरोध राष्ट्रीय स्तर पर इसी बात को लेकर हो रहा है।