सदर अस्पताल में एक्सपायरी आग से बचाव का यंत्र है टंगा हुआ, तो शिशु स्वास्थ इकाई में खाली टंगा है यंत्रः जांच टीम ने लिया जायजा
सदर अस्पताल और शिशु इकाई का हुआ जांच, तो सुरक्षा को लेकर प्राईवेट नर्सिंग होमों से खराब हाल में दिखा दोनों
जांच में 14 प्राईवेट नर्सिंग होम में आग से सुरक्षा के सारे मानक दिखे ध्वस्त
लापरवाही में सुधार लाने के प्रति स्वास्थ विभाग दिख नहीं रहा गंभीर
गिरिडीहः
लापरवाही में सुधार प्रति ना तो स्वास्थ विभाग ही गंभीर दिख रहा। और ना ही गिरिडीह प्रशासन। सदर एसडीएम के निर्देश पर तीन प्रशिक्षु उपसमाहर्ता चार दिनों में शहर के दर्जन भर से अधिक प्राईवेट नर्सिंग होम की जांच कर अग्निरोधी उपकरणों का जांच किया। रविवार को ही शहर के सदर अस्पताल, चैताडीह के मातृत्व शिशु स्वास्थ इकाई, प्राथमिक स्वास्थ उपकेन्द्र बेंगाबाद और गांडेय का भी जांच किया गया। लेकिन स्वास्थ विभाग के अधीन संस्थानों के हाल नर्सिंग होम से भी बेहद खराब पाएं गए। क्योंकि शहर के सदर अस्पताल में निबंधन काउंटर के साथ आउटडोर के समीप लगे अग्निरोधी यंत्र की वैद्यता खत्म हो चुकी थी। यानि, कहा जाएं कि एक्सपायरी अग्निरोधी यंत्र सदर अस्पताल की सुरक्षा के लिए लगे है। तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यह हम नहीं कह रहे है। फिलहाल जितने उपकरण लगे है। उनमें लगा स्टीकर ही यह बता रहा है। इधर जांच टीम की मानें तो आउटडोर और सिविल सर्जन कार्यालय में कुल नौ फायर इन्स्टीगूसेर लगे थे। इनमें आउटडोर केन्द्र में लगे फायर इन्स्टीगूसर यंत्रो का हाल तो बेहद खराब था। दो में एक्सपायरी डेट का स्टीकर लगा था। तो कुछ में मैनुक्चरिंग की तिथि तो थी। लेकिन एक्सपायरी का जिक्र ही नहीं था। रविवार को किए गए जांच टीम में प्रशिक्षु उपसमाहर्ता डा. महजबी, ज्योति कुमारी और रीना कुजूर के अलावे अग्नि शमन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी मोहन चाौधरी भी शामिल थे। पूरे अस्पताल का मुआयना करने के बाद टीम के पदाधिकारियों ने जब अस्पताल में मौजूद नेत्र रोग चिकित्सक डा. दीपक कुमार से जांच के कागजात में साईन करने की बात कही। तो चिकित्सक दीपक ने साईन करने से भी इंकार कर दिया।
इधर टीम ने रविवार को चैताडीह के मातृत्व शिशु स्वास्थ इकाई का भी जांच किया। तो टीम को भी हालात देख हैरानी ही हुई कि नवजात और उनकी मांओ को सुरक्षित करने वाले स्वास्थ विभाग के इस शिशु स्वास्थ में भी लापरवाही बरती जा रही है। शिशु स्वास्थ इकाई के पूरे भवन में छह इन्स्टीगूसेर लगे है। लेकिन सभी खाली पड़े है।
बहरहाल, एक तरफ प्रशासन जिले के प्राईवेट नर्सिंग होम में आग लगने के दौरान बचाव की जांच कर रहा है। तो दुसरी तरफ सरकारी स्वास्थ विभाग में अधिकारी इतने बड़े स्तर पर लापरवाही बरत रहे है। इधर जांच टीम ने चार दिनों के भीतर शहर के 14 नर्सिंग होम के सुरक्षा का जायजा तो लिया। लेकिन आग से बचाव की सुरक्षा का कोई व्यवस्था टीम को नजर नहीं आया। चार दिनों में टीम द्वारा पचंबा के हाईस्कूल स्थित कौशल क्लिनिक, बोड़ो के नवद्वीप नर्सिंग होम, सहयोग हाॅस्पीटल, रोटरी नेत्र चिकित्सालय, नवजीवन नर्सिंग होम, लखारी स्थित क्रिसेंट नर्सिंग होम, जीवनधारा नर्सिंग होम, गद्दी मुहल्ला स्थित बंसती देवी गोयनका सेवा सदन, भंडारीडीह स्थित आजाद नर्सिंग होम, जीडी बगेड़िया सेवा सदन, शिवम क्लिनिक, विश्वनाथ नर्सिंग होम समेत अन्य नर्सिंग होम का जांच किया गया।