रास्ट्रीय कोविड 19 वेक्सिनेशन अभियान को सफल बनाने में हैल्प फाउंडेशन कर रहा सहयोग
- बरगंडा पुल के पास लगाया तीन दिवसीय निःशुल्क कोविन एप रजिस्ट्रेशन शिविर
- 39 लोगों ने किया विजिट, 23 लोगों का हुआ रजिस्ट्रेशन
गिरिडीह। कोरोना वरियर्स के रूप में हैल्प फाउंडेशन ने रास्ट्रीय कोविड 19 वेक्सिनेशन अभियान हेतु शनिवार को बरगंडा सिहोडीह नया पुल पर का आयोजन किया। शिविर में 39 लोगों ने विजिट किया। जिसमें 23 लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया।
संस्थान के सचिव रितेश चन्द्र ने बताया कि शिविर में उन सभी लोगों का निशुल्क रजिस्ट्रेशन करने का लक्ष्य है जो कोविड वैक्सिनेशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नही कर पाते या उनके पास एनरोइड या फोन ही नही है। इस शिविर में पर्याप्त रजिस्ट्रेशनकर्ता उपलब्ध है। राष्ट्रभाषा के अलावे स्थानीय भाषा खोरठा व बंगला में भी लाभुकों एवं पुल से गुजरती दिहाड़ी मजदूरों व कामीणो को सुगमता से टीकाकरण के महत्व भ्रांतियों का परिमार्जन कर उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित करना और उसके पश्चात कोविन ऐप में उनका रजिस्ट्रेशन कर सम्भावित तिथि, स्थान व पासवर्ड प्रदान करना है।
बताया कि टीम के सदस्य दो टोलियों में बंट कर सिहोडीह सामुदायिक भवन मार्ग में जा कर एवं मार्ग में आते-जाते पैदल राहगीरों एवं महिलाओं को टीकाकरण एवं शिविर के उद्देश्यों के बारे में बतलाया मास्क विहीन गरीब लोगों को मास्क भी वितरित किया। इसके अलावे संस्था की यह यंग वोलेंटियर टीम सिहोडीह शिव मुहल्ला के आसपास घूम कर लोगों को जागरूक करते हुए निबंधन के लिए नया पूल के समीप लगे शिविर में जा निबंधन करने हेतु प्रेरित भी किया।
ज्ञात हो कि पूर्व में भी संस्था के इस प्रयास का समर्थन व सहयोग स्थानीय उद्द्यमी बबलू भारद्वाज ने 1 जून से 3 जून तक अपने होटल मैनेजमेंट कॉलेज कैम्पस में भी यह सेवा संचालित करने का अवसर दिया। वहीं पाश्र्वनाथ आईटीआई में भी 1 तारीख से 3 जून तक लगेगी। वहीं किरण पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर राजीव सिंह ने भी इस अभियान की नीड को समझते हुए अपने कोलड़िहा स्थित अपने कैम्पस में यह तीन दिवसीय सेवा आरम्भ करने की स्वीकृति दी है।
शिविर को सफल बनाने में संस्था के सचिव रितेश चन्द्र के अलावे कार्यकर्ता प्रियांशु शेखर, समाजसेवी अजित यादव, एडवोकेट गीतेश चन्द्र के अलावे बैंगलोर लॉ कालेज की छात्रा वैष्णवी श्रीवास्तव, स्नातक की छात्रा नीलू कुमारी, चाइल्ड कोरियोग्राफर सपना कुमारी एवं गिरिडीह काॅलेज के कृष्णा कुमार ने योगदान दिया।