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10वें गुरु गुरु गोंविद सिंह के प्रकाशोत्सव पर गिरिडीह के गुरुद्वारा में हुआ शब्द-र्कीतन

गिरिडीहः
सिखों के 10वें गुरु गुरु गोंविद सिंह का 355वां प्रकाशोत्सव रविवार को गिरिडीह में धूमधाम से मनाया गया। शहर के स्टेशन रोड स्थित प्रधान गुरुद्वारा में जहां खास दीवान का आयोजन हुआ। तो गुरुद्वारे की सजावट भी गुरुद्वारा सिंह सभा द्वारा खास तरीके से किया गया था। फूलों और लाईटों से पूरे गुरुद्वारे को सजाया गया था। प्रकाशोत्सव पर पिछले पांच दिनों से जारी प्रभात फेरी का समापन भी रविवार को किया गया। जबकि 15 दिवसीय अखंड पाठ का समापन भी इस दौरान किया गया। पंजाब के बरनाला से आएं रागी जत्था भाई कुलवीर सिंह एंड पार्टी ने मौके पर सुबह से शब्द-र्कीतन शुरु कर दिया था। तो दोपहर में गुरुद्वारे में काफी संख्या में सिख समुदाय के श्रद्धालुओं की भीड़ रही। गुरुद्वारा के प्रधान सेवक गुणवंत सिंह मोंगिया और सचिव शम्मी सलूजा के नेत्तृव में शुरु हुए शब्द-र्कीतन के दौरान महिलाओं से लेकर युवा और युवतियां और बच्चे भी शामिल हुए। बरनाला के रागी जत्था भाई कुलवीर सिंह ने मौके पर खालसा मेरो रुप है खास जैसे कई शब्द की प्रस्तुती रागी जत्था द्वारा किया गया।


इधर गुरु गोंविद सिंह को महान दाशर्निक बताते हुए सचिव नरेन्द्र सिंह शम्मी सलूजा ने कहा कि धर्म की रक्षा करते हुए गुरु गोंविद सिंह ने अत्याचार और शोषण के खिलाफ संघर्ष किया। और खालसा पंत की स्थापना की। शब्द-र्कीतन के बाद गुरुद्वारा में लंगर का आयोजन किया गया। तो लंगर में भी काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। वहीं प्रकाशोत्सव पर्व को लेकर इस दौरान गुरुद्वारे में अमरजीत सिंह सलूजा, तरणजीत सिंह सलूजा उर्फ बंटी, सतविंदर सिंह सलूजा उर्फ मणि, हर्षदीप सिंह, गुरविंदर सिंह समेत काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

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