स्टीमेट से अधिक संवेदको को किए गए भुगतान की जांच करने गिरिडीह भवन प्रमंडल पहुंचे प्रधान महालेखाकार की टीम
गिरिडीहः
भवन प्रमंडल के योजना और संवेदको के भुगतान की जांच को लेकर प्रधान महालेखाकार लेखा परीक्षा की टीम पिछले तीन दिनों से गिरिडीह में कैंप किए हुए है। टीम में रांची के महालेखाकार के सीनियर आॅडिटर सुमित कुमार गगराई और आशुतोष कुमार शामिल है। पिछले चार दिनों से टीम के दोनों पदाधिकारी एक-एक दस्तावेजों को खंगालने में जुटे हुए है। टीम के आॅडिटर साल 2019-2020 और 2021 के वैसे सभी योजनाओं की जांच कर रही है। जिसमंे प्रधान महालेखाकर को गड़बड़ी की सूचना मिली। तो टीम जांच के लिए पहुंची। हालांकि पिछले तीन दिनों में खंगाले गए दस्तावेजों के अनुसार क्या और कितनी गड़बड़ी मिली है। फिलहाल इसका खुलासा टीम के आॅडिटरों ने करने से तो इंकार कर दिया। लेकिन संकेत दिए कि अब तक जितने दस्तावेजों को खंगाला गया है। उसमें कुछ गड़बड़ी पाई गई। लिहाजा, अब खंगाले गए दस्तावेजों के अनुसार जांच रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को सौंपा जाएगा। टीम के आॅडिटरों ने इसके संकेत भी दिए कि पिछले दो सालों में गिरिडीह भवन प्रमंडल ने किसी भी योजना का स्टीमेट से अधिक की राशि का भुगतान संवेदको किया है। वैसे भवन प्रमंडल ने नियमों को ताक पर रखकर किन-किन संवेदकों को इस प्रकार भुगतान किया। इसे जुड़े भी दस्तावेज टीम के दोनों आॅडिटर खंगाल रहे है। मिले संकेत के अनुसार सरकारी भवनों की मरम्मति से लेकर नए योजनाओं के कार्य के दौरान भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता से लेकर एई, जेई तक स्टीमेट से अधिक की राशि का भुगतान करते गए। फिलहाल मिले संकेतो के अनुसार गड़बड़ी की यह राशि करोड़ो में होने की बात कही जा रही है। वैसे अधिकारिक पुष्टि टीम के आॅडिटरों ने तो नहीं किया। लेकिन सारे रिपोर्ट वक्त पर राज्य सरकार को देने की बात जरुर कहा। इतना ही नही टीम के आॅडिटरों ने अब तक जितने दस्तावेजों को खंगाला। उसके अनुसार भवन प्रमंडल के एक सहायक अभियंता विनोद सिंह का तबादला होने के बाद भी वो बैकडेट से संवेदकों को भुगतान करते गए है। जबकि उनके तबादले की पुष्टि भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता हरिशचन्द्र चाकीदिघी ने भी किया।