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गरीब परिवार से न्यायिक अधिकारियों के र्क्वाटर को खाली कराने भारी-भरकम पुलिस जवानों लेकर पहुंचा गिरिडीह प्रशासन

गिरिडीहः
न्यायिक अधिकारियों के लंबे-चाौड़े र्क्वाटर से दो कमरे को खाली कराने और कोर्ट के निर्देश का पालन कराने के लिए गिरिडीह प्रशासन ने कड़ाके के ठंड में एक गरीब परिवार को बेघर कर दिया। शनिवार को सदर एसडीएम विशालदीप खलको के नेत्तृव में मिशन को पूरा किया गया। इतना ही नही इस गरीब परिवार से विधी-व्यवस्था की परेशानी खड़ा नहीं हो। इसके लिए शहर के ऑफिसर्स कॉलोनी में भारी-भरकम पुलिस जवान तक तैनात कर दिए गए। नतीजतन, गरीब परिवार ढालो नारायण शर्मा और उसकी बेटी ने एसडीएम, डीएसपी संजय राणा, नगर थाना प्रभारी राम नारायण चाौधरी के मौजदूगी में अपने तीनों छोटे-छोटे कमरों से समान निकालती नजर आई। इस दौरान न्यायलय और प्रशासनिक अधिकारियों को इतना भी रहम नहीं आया कि इस कड़ाके के ठंड में पूरा परिवार कहां रात गुजारेगा। हैरान करने वाली बात तो यह भी रहा कि र्क्वाटर के भीतर बने तीन कमरों को महज एक घंटे में खाली करा लिया गया।


इधर एसडीएम विशालदीप खलको ने दावा करते हुए कहा कि ऑफिसर्स कॉलोनी के जिस सरकारी र्क्वाटर में दो कमरों को खाली कराया गया। वो सीसीएल का र्क्वाटर है। और कई सालों पहले न्यायिक अधिकारियांे के रहने के लिए आवंटित किया गया था। एसडीएम की मानें तो ढालो नारायण शर्मा अपने परिवार के साथ कई सालों से अवैध कब्जा कर रह रहा था। लिहाजा, मामले की जानकारी न्यायिक पदाधिकारियों ने प्रशासन को दिया। इसके बाद इसी साल डीसी कोर्ट में र्क्वाटर के भीतर बने दो अवैध कमरों को ढालो नारायण शर्मा से कराने का निर्देश हुआ। जबकि इसे पहले र्क्वाटर के कब्जाधारी को तीन नोटिस भी दिए गए। इसके बाद शनिवार को एसडीएम के नेत्तृव में पूरा प्रशासनिक पदाधिकारी पुलिस पदाधिकारियों और जवानों के साथ पहुंच गए।

इधर ढालो नारायण शर्मा का कहना था कि वो करीब तीन दशक से अधिक वक्त से इस र्क्वाटर में रह रहे है। उन्हें पूर्व डीसी के द्वारा इसके भीतर रहने के लिए र्क्वाटर उपलब्ध कराया गया था। लेकिन न्यायिक अधिकारियों के इस र्क्वाटर में कुछ अधिकारियों के मनमानी रवैये के कारण अब उन्हें इस ठंड में र्क्वाटर से बेदखल किया जा रहा है। जबकि वर्तमान प्रधान जिला एंव सत्र न्याधीश वीणा मिश्रा भी उसके कमरों की स्थिति देख कर कुछ सुविधा देने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद भी अधिकारियों के मनमानी के कारण एसडीएम स्तर से तीन बार खाली करने का नोटिस दिया गया। लेकिन वो ठंड तक रुकने की अपील किए। लेकिन उनके अपील को नहीं माना गया।

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