यूक्रैन और रुस के बीच शुरु हुए वाॅर से चार दिन पहले वतन वापसी हुई गिरिडीह की छात्रा अमिषा का
गिरिडीहः
यूक्रैन और रुस की जंग शुरु होने से चार दिन पहले गिरिडीह की एक छात्रा अमिषा कश्यप वापस लौटी थी। यूक्रैन से लौटने के करीब दो सप्ताह दिन बाद केन्द्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के साथ जमुआ विधायक केदार हाजरा के साथ जिलाध्यक्ष महादेव दुबे, महामंत्री संदीप डंगाईच, सांसद प्रतिनिधी दिनेश यादव, नवीन सिन्हा भी केन्द्रीय मंत्री के साथ थे। छात्रा के सकुशल वापसी पर केन्द्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने छात्रा अमिषा और उसके माता-पिता प्रतिमा सिन्हा और सुनील सिन्हा को भी बेटी के सुरक्षित वतन वापसी पर बधाई दिया। करीब 15 मिनट तक दोनों ने छात्रा से मुलाकात किया। और जंग शुरु होने से पहले के घटनाक्रम की पूरी जानकारी ली। इस दौरान छात्रा अमिषा ने बताया कि यूक्रैन में भारतीय एबेंसी से उसके लौटने में पूरा सहयोग मिला। क्योंकि पीएम मोदी के निर्देश लगातार एंबेसी को मिल रहे थे। इतना ही नही एक-एक छात्र की जानकारी एंबेसी से लिया जा रहा था। अमिषा ने बताया कि वह भी दुसरे छात्रों की तरह मेडिकल की पढ़ाई ही कर रही थी। लेकिन जब हालात खराब होने लगे, तो उसके माता-पिता को चिंता हुई और जंग शुरु होने से चार दिन पहले वह वतन लौटी। लेकिन वतन वापसी के पहले से उनलोगों को किसी सुरक्षित स्थान पर जाने का सुझाव दिया गया। लिहाजा, दोनों देशों के बीच शुरु हुए लड़ाई से पहले ही यूक्रैन में लोगों ने अपने-अपने घरों के भीतर बंकर बनाना शुरु कर दिया था। तो छात्रों ने भी बंकर बनाना शुरु किया। इसके बाद वो भी अपने कई सहपाठियों के साथ बंकर के भीतर ही रहने लगी।
लेकिन जब हालात और अधिक खराब होने लगे, तो छात्रों ने भारतीय एंबेसी के सुझाव पर रोमानिया, चेकोस्लोविया और पौलेंड की और रवाना होने लगे। जहां चेकोस्लोविया में भारत के कई छात्रों को सहयोग मिला। इस दौरान खाना के साथ पानी की व्यवस्था मिली। लेकिन यूक्रैन सरकार द्वारा भारतीय छात्रों को कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा था। इतना ही नही रह-रह कर लगातार सायरन की गूंज भी सुनाई दे रही थी। आवाज सुनने के साथ ही वे लोग बंकरो में जा छिपे। इस बीच लौटने के दिन खास विमान से वो अपने कई सहपाठियों के साथ 19 फरवरी को वतन लौटी।