एसएसभीएम में आयोजित चार दिवसीय प्रांतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन संपन्न
- विद्यालय व्यवस्था को बेहतर करने के साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर हुई चर्चा
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय दर्शन की सोच : सदर विधायक
गिरिडीह। विद्या विकास समिति के तत्वाधान में शहर के बरगंडा में संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आयोजित चार दिवसीय प्रांतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन बुधवार को संपन्न हो गया। समापन समारोह का उद्घाटन सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्माजी राव, विभाग संघचालक अर्जुन मिस्टकार, प्रदेश सचिव अजय कुमार तिवारी, उपाध्यक्ष डॉ सतीश्वर प्रसाद सिन्हा, अध्यक्ष संजय राजगढ़िया ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर और मां सरस्वती व भारत माता की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किया। इस दौरान पदाधिकरियों ने विधायक व विभाग संघचालक को शॉल एवं पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान अतिथियों का परिचय प्रधानाचार्य शिव कुमार चौधरी व मंच संचालन विभाग निरीक्षक नीरज कुमार लाल एवं धन्यवाद ज्ञापन विभाग निरीक्षक ओमप्रकाश सिन्हा ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक सोनू ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय दर्शन की सोच है। विरोधाभास के बावजूद मेरा मानना है कि इस शिक्षा नीति का क्रियान्वयन होने से भारतीयता के भाव का विकास होगा। कहा कि जीवन में गुरु की महिमा अत्यंत श्रेष्ठ है जिन्हें मैं अपने शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। क्योकि आप जैसे लोग ही समाज में चरित्र निर्माण करते हैं जिससे भारतीयता की पहचान पूरी दुनिया में वसुधैव कुटुंबकम की परिपक्वता को साकार करता है।
अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्माजी राव सहित अन्य अतिथियों ने कहा विद्या भारती भारतीय जीवन दर्शन आधारित शिक्षा व्यवस्था के लिए पहचानी जाती है। जिसके लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सभी अग्रसर हैं। कहा कि चार दिवसीय सम्मेलन में झारखंड प्रदेश से कुल 215 प्रधानाचार्यों की सहभागिता रही। बैठकों में विद्यालय व्यवस्था को बेहतर करने एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विस्तार से चर्चा हुई। हमें विश्वास है कि प्रधानाचार्य को शिक्षाविदों एवं विषय विशेषज्ञों का पाथेय विद्यालय के लिए वरदान साबित होगा।