नए साल का पहला गिरिडीह नगर निगम की बैठक रही हंगामेदार, कई पार्षदों ने लगाया योजनाओं में भेदभाव का आरोप
श्मसान घाट मंे शव जलाने की राशि पर नहीं हो सका कोई फैसला
गिरिडीहः
नए साल का पहला गिरिडीह नगर निगम के बोर्ड की बैठक गुरुवार को तो हुआ। बोर्ड की बैठक में पंरपंरा के अनुसार हंगामा तो हुआ। लेकिन बैठक के बाद बाहर निकले कई वार्ड पार्षदांे ने बैठक को लेकर असंतुष्टि जताया। असंतुष्टि जताने वाले पार्षदों में सैफ अली गुड्डु और बुंलद रुमी अख्तर ने कहा कि अब पार्षदों के मांग को भी सुनने वाला निगम में कोई नहीं रह गया है। क्योंकि निगम ने योजनाओं को देने में काफी भेदभाव किया है। ऐसे कई वार्ड है जहां 25 से 30 करोड़ की योजनाएं दे दी गई। तो 17, 18, 19, 20, 21 और 26, 27 इन वार्डो में कोई योजना नहीं दिया गया। इन वार्ड पार्षदों ने निगम के अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बैठक में निगम के सभी वार्डो में दिए गए योजनाओं की लिस्ट मांगी गई। लेकिन बैठक मंे हालात ऐसे रहे कि कोई लिस्ट तक देने को तैयार नहीं था। जाहिर है कि निगम ने योजनाओं को देने में बड़े पैमाने पर घालमेल किया है। लिहाजा, अब यही उपाय बचता है कि वो दोषी अधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करें। जिसे मामले में कोर्ट ही पार्षदों को अब न्याय दिलाएं।
इधर गुरुवार को हुए बोर्ड की बैठक में डिप्टी महापौर प्रकाश सेठ, उप नगर आयुक्त राजेश प्रजापति, पार्षद सुमित कुमार, आरती देवी, नीलम झा, रंजीत यादव, कमल सिंह, पप्पू रजक ने कई मुद्दों को उठाया। जबकि बोर्ड की बैठक में कुछ पार्षदों द्वारा उठाएं गए मुद्दों के आधार पर उप नगर आयुक्त ने बताया कि शहर के श्मसान घाट में शव के दाह-संस्कार में डोम राजा द्वारा जो शुल्क लिया जाता है। उसे लेकर जांच कमेटी तो जरुरी बनी। लेकिन जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आया। लिहाजा, इस महत्पूर्ण मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं हो सका। इस दौरान डिप्टी महापौर ने यह भी कहा कि नए साल में अब पूरे निगम क्षेत्र में जितना योजना लिया जाएगा। उसे लेकर लिस्ट तैयार कर लिया गया है। हर वार्ड में चयनित योजनाओं के स्टीमेट नगर विकास मंत्रालय भेजने पर मुहर लग चुका है। जल्द ही स्टीमेट भेजकर स्वीकृति मिलने के बाद वार्डो में हर योजनाओं को उतारा जाएगा। वैसे बैठक में पीएम आवास योजना के नए डीपीआर को भी नगर विकास मंत्रालय भेजने की मंजूरी मिली। बैठक में कई और पार्षद शामिल हुए।