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अंचल कार्यालय में व्याप्त अनियमितता के खिलाफ किसान मंच ने किया प्रदर्शन

  • समाहरणालय का तोड़ा ताला, अधिकारियों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
  • कहा अंचल कार्यालय में रिश्वत देने वालों का होता है सिर्फ काम

गिरिडीह। जमीन के ऑनलाइन म्यूटेशन और रिकॉर्ड रूम में रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के नाम पर घूस की मांग किए जाने के विरोध में किसान मंच के द्वारा मंगलवार को पूर्वघोषित कार्यक्रम के तहत समाहरणालय परिसर में धरना देते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में काफी संख्या में जिले के किसान शामिल हुए। इस दौरान किसानों का जुलूस जब समाहरणालय के करीब पहुंचा, तो समाहरणालय का दोनों गेट बंद कर दिया गया था। इसे जुलूस में शामिल किसानों का गुस्सा ओर भड़क गया और किसानों ने एक गेट का ताला भी तोड़कर अंदर घुस गए। इस दौरान परिसर में किसानों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए वही धरना पर बैठे गए। इस दौरान सदर एसडीएम विषालदीप खलको पुलिस अधिकारियों के साथ समाहरणालय पहुंचे और किसानों से वार्ता कर उन्हें समझाकर प्रदर्शन समाप्त कराया।

धरना को संबोधित करते हुए किसान मंच के अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि सरकारी अधिकारी नियम कानून को ताक पर रखकर जनता को दोनो हाथों से लूट रहे हैं। कई दशकों से जिस गैर मजरूआ खास, बकास्त जमीन पर किसान दखलकर हैं उस जमीन का लगान रसीद निर्गत करने पर रोक लगा दिया गया है। अब जो जमीन मालिक मोटा रकम रिश्वत में दे पा रहे हैं उनकी ही रसीद निर्गत हो रही है। लेकिन रिश्वत देने में असमर्थ गरीब किसानों का लगान रसीद निर्गत नहीं हो रहा है। ताकि गरीब के उस जमीन को सरकारी जमीन घोषित कर सके। कहा कि इसी प्रकार रिश्वत नहीं देने पर जमीन के प्लॉट का ऑनलाइन इंट्री, उतराधिकार दाखिल खारिज, दाखिल खारिज का आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है। गरीब आदिवासी मूलवासी किसानों को भूदान और बंदोबस्त के तहत दिए गए जमीन का भी लगान रसीद निर्गत करने के लिए अधिकारियों द्वारा मोटी रकम की मांग की जाती है।

धरना को किसान मंच के पूर्व महासचिव गंगाधर यादव एवं सचिव देवचन्द्र यादव, जिला उपाध्यक्ष श्यामू बासके, जिला सचिव विजय कुमार, कोषाध्यक्ष छत्रधारी सिंह,तिसरी अंचल अध्यक्ष दासो मुर्मू, देवरी अंचल अध्यक्ष अन्ना मुर्मू सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि सत्याग्रह में भाग लेनेवाले किसानों के समस्या का जब तक समाधान नहीं होगा तब तक सभी किसान सामूहिक रूप से आंदोलन जारी रखेंगे।

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