सूढ़ में नुकीला औजार चुभने से हाथी को आॅक्सीजन मिलना हो गया था बंद, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ स्पस्ट
घटना के दुसरे दिन ग्रामीणों ने मृत हाथी के शव का किया पूजा-अर्चना, विधी-विधान के साथ दफनाया शव को
पशु चिकित्सकों की टीम पहुंची घटनास्थल गांव, आरसीसीएफ के मौजदूगी में किया पोस्टमार्टम
गिरिडीहः
डुमरी के खुद्दीसार के गुलीदाडी गांव में देर रात दल से बिछड़े हाथी की मौत के दुसरे दिन रविवार को पशु चिकित्सकों की टीम घटनास्थल पहुंची। टीम में इस दौरान बोकारो के आरसीसीएफ वेंकटशरु के अलावे गिरिडीह वन प्रमंडल के एसीएफ विश्वनाथ प्रसाद और हजारीबाग के पशु चिकित्सक भी शामिल थे। हाथी के मौत की वजह आॅक्सीजन की कमी होने के रुप में सामने आया है। इसकी पुष्टि वन प्रमंडल पदाधिकारी राजकुमार साह ने भी किया है। हजारीबाग से आएं चिकित्सकों की टीम ने इस दौरान आरसीसीएफ के मौजदूगी में मृत हाथी का पोस्टमार्टम किया। और उसका बिसरा संग्रह कर जांच के लिए रांची भेज दिया। हाथी के किए गए पोस्टमार्टम के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही यह सामने आया कि हाथी के मौत की वजह उसे सही तरीके से आॅक्सीजन नहीं मिलना था। क्योंकि हाथी के सूढ़ में चुभा लोहे के नुकीले औजार के कारण उसे आॅक्सीजन लेने में परेशानी हो रही थी। वैसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह स्पस्ट नहीं हो पाया है कि तस्करों ने साजिश कर हाथी के सूढ़ में लोहे का औजार चुभाया गया, गांव के जंगल में विचरण के दौरान उसे लोहे का औजार चुभा। लिहाजा, बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही पशु चिकित्सक यह स्पस्ट कर सकेगें। इधर हाथी की मौत के दुसरे दिन रविवार को ग्रामीणों ने पूरे विधी-विधान के साथ उसके शव को जमीन पर दफनाया। इसे पहले ग्रामीणों ने घटनास्थल पर मृत हाथी के शव का पूजा-अर्चना किया। स्थानीय मुखिया अनिल रजक के मौजदूगी में शव का पूजा-अर्चना कर रीति रिवाज के साथ गांव में ही उसके शव को दफना दिया गया। मुखिया भी हाथी के मौत पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि अगर किसी ने साजिश के तहत बेजुबान जानवर का हत्या किया है तो उसकी पहचान कर कार्रवाई होना चाहिए।