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डीवाईएफआई ने किया एसकेएम के राष्ट्रव्यापी काला दिवस का समर्थन

कोडरमा। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने ऐतिहासिक किसान संघर्ष को छह माह पूरे होने को काला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए एसकेएम ने आगामी 26 मई को राष्ट्रव्यापी आह्वान भी किया है जिसका डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने पूरी तरह और सक्रिय रूप से समर्थन किया है। यह निर्णय गुगल मीट ऐप पर प्रदेश अध्यक्ष सुरेश मुंडा की अध्यक्षता मे डीवाईएफआई झारखंड राज्य कमिटी की ऑनलाइन बैठक में लिया गया।

गुगल मीट पर हुई प्रदेश स्तर की बैठक, लिया गया निर्णय

बैठक के बाद डीवाईएफआई के प्रदेश सचिव संजय पासवान ने बताया कि 26 मई को ऐतिहासिक किसान संघर्ष के 6 महीना पूरा हो रहा है और उसी दिन मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा-आरएसएस की जनविरोधी सरकार के भी 7 साल पूरे हो रहें हैं। जो स्वतंत्र भारत में सबसे अधिक दिवालिया, हृदयहीन, सांप्रदायिक, गरीब किसान मजदूर विरोधी, महंगाई बढाने वाली और नौकरी छीनने वाली जन-विरोधी कॉरपोरेट समर्थक सरकार साबित हुई है। डीवाईएफआई कोविड महामारी से निपटने में घोर विफलता और हजारों मौतों के लिए जिम्मेवार मोदी सरकार की निंदा करता है। प्रधान मंत्री हमारे देश के लोगों की अभूतपूर्व पीड़ा के लिए पूरी तरह से जिम्मेवार है। हम तीन जनविरोधी कृषि कानूनों और चार मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं को तत्काल निरस्त करने की मांग करते हैं। साथ ही कोरोना काल मे बेरोजगार हुए युवाओं को 6 हजार, सभी गरीबों को प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज और सभी गरीब परिवारों को कोरोना काल तक 75 सौ रुपए प्रति माह कोरोना भत्ता देने की भी मांग करता है।

काला बिल्ला लगाकर किया जाएगा विरोध

उन्होंने बताया कि सुरक्षा सप्ताह के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए डीवाईएफआई के कार्यकर्ता अन्य जनसंगठनों के साथ 26 मई को काला बिल्ला लगाकर कार्य स्थल और घरों के बाहर प्रोटेस्ट करेगें।

ये थे मौजूद

बैठक में राज्याध्यक्ष सुरेश मुंडा और महासचिव संजय पासवान के आलावा सुभाष मुंडा, रंजीत मोदक (रांची), विकास कुमार ठाकुर, संतोष कुमार, गौतम प्रसाद, नौशाद अंसारी, प्रजा पासवान (धनबाद), आशीष रंजन (साहेबगंज), मोहन मण्डल (जामताड़ा) के अलावा कोडरमा के जिला सचिव सुरेन्द्र राम, जिलाध्यक्ष परमेश्वर यादव और एसएफआई नेता मुकेश कुमार यादव शामिल थे।

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