गलत सुपरविजन के कारण रैप व हत्या की शिकार युवति को नहीं मिला इंसाफ
- प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी आठ माह से फरार है ईटासानी रैप व हत्या का मुख्य आरोपी
- परसन ओपी के एसआई ने भी अनुसंधान में मृतिका के कमरे से मुख्य आरोपी के चप्पल व टोपी किया था बरामद
- एसडीपीओ ने सुपरविजन रिपोर्ट में कर दिया गहनता से जांच का जिक्र
- ईटासानी गांव की घटना पर राजनीति दल भी साधे हुए है चुप्पी
गिरिडीह। ईटासानी गांव में हुए नाबालिग के साथ रैप के बाद उसकी हत्या की घटना आठ माह पहले की जरुर है। लेकिन गिरिडीह के धनवार के परसन ओपी पुलिस के अनुसंधान पर हाईकोर्ट की टिप्पणी ने आठ माह पुराने इस घटना को चर्चा में ला दिया है। फिलहाल चर्चा सिर्फ नाकाम पुलिस पदाधिकारियों तक सीमित है। क्योंकिं गिरिडीह के ईटासानी गांव को लेकर सत्ता पक्ष के नेता से लेकर विपक्ष तक चुप है। बहरहाल, धनवार थाना और परसन ओपी के पुलिस की नाकामी के कारण आठ माह बाद भी ईटासानी गांव की दुष्कर्म और हत्या की पीड़िता को अब तक न्याय नहीं मिला। उल्टे धनवार थाना पुलिस ने 30 मार्च की घटना के नौ दिनों बाद पीड़िता काजल कुमारी के परिजनों को थाना बुलाया और परिजनों को दो दिनों तक हिरासत में रखकर पूछताछ के बहाने पिटाई करने का आरोप परिजनों द्वारा लगाया जा रहा है।
30 मार्च को दर्ज हुई थी प्राथमिकी
30 मार्च की घटना के दुसरे दिन पीड़िता के पिता शंकर पासवान के आवेदन के आधार पर परसन ओपी पुलिस ने ईटासानी गांव निवासी पिंटू पासवान पर रैप व हत्या तथा अन्य सात लोगों पर पीड़िता के परिजनों से मारपीट कर मुक्त कराने का केस दर्ज किया था। केस दर्ज होने के बाद केस के अनुसंधानकर्ता परसन ओपी के एसआई सुदामा प्रसाद ने अनुसंधान के दौरान पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया कि पीड़िता को उसके घर के एक कमरे में जिंदा जलाकर मारा गया। यही नही घटना के बाद जिस कमरे से पुलिस ने पीड़िता का शव बरामद किया। उस कमरे से आरोपी पिंटू पासवान का चप्पल और टोपी भी बरामद किया। चार महीनें के अनुसंधान के बाद एसआई सुदामा प्रसाद ने अनुसंधान रिपोर्ट इलाके के एसडीपीओ नवीन सिंह को सौंपा। एसडीपीओ को सौंपे अनुसंधान रिपोर्ट में एसआई सुदामा प्रसाद ने भी जिक्र किया कि कमरे से मिला चप्पल और टोपी मुख्य आरोपी पिंटू पासवान का ही है।
एसडीपीओ ने सुपरविजन रिपोर्ट में गहनता से जांच करने का किया जिक्र
इधर परसन ओपी के प्रभारी रमाकांत उपाध्याय ने कहा कि एसडीपीओ ने सुपर विजन रिपोर्ट में गहनता के साथ जांच करने का जिक्र किया था। अब सवाल उठता है कि जब केस के अनुसंधानकर्ता ने स्पष्ट तौर पर पिंटू पासवान को हत्या का और पिंटू पासवान के पिता समेत सातों को उसे मुक्त कराने का आरोपी माना, तो फिर एसडीपीओ ने सुपरविजन रिपोर्ट में गहनता के साथ जांच करने का जिक्र क्यों किया। सवालों के घेरे में इलाके के एसडीपीओ भी है। वैसे एसडीपीओ के सवालों के घेरे में आने की पुष्टि एसपी अमित रेणु ने भी किया है। क्योंकि शुक्रवार को इस मामले में हाईकोर्ट से वीडियो काॅफ्रेसिंग के दौरान एसपी अमित रेणु ने भी स्वीकारा कि मामले में सुपरविजन रिपोर्ट देने वाले पदाधिकारी ने एफआईआर के आधार पर सुपरविजन नहीं किया।