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राज्यपाल को रबर स्टांप समझने की भूल न करें ममता : धनखड़

अनुच्छेद 154 के तहत राज्य की कार्यकारी शक्तियां अपने हाथ में ले सकते हैं राज्यपाल

कोलकाता। एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि गवर्नर को पोस्ट ऑफिस और रबर स्टांप समझने की उनकी धारणा गलत है। राज्यपाल ने कहा कि उनके पूछे गए कई सवालों का जवाब न देकर मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 167 का उल्लंघन किया है। उक्त अनुच्छेद मुख्यमंत्री के राज्यपाल के प्रति कर्तव्यों का उल्लेख करता है।

दरअसल, 26 सितंबर को ममता ने राज्यपाल को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया था कि वह संविधान में निर्देशित कार्यक्षेत्र में रहते हुए काम करें और उनके अधिकारियों को निर्देश देने से बचें। इसके बाद राज्यपाल ने एक दिन पहले सोमवार को राज्य सरकार को यहां तक चेतावनी दी थी कि यदि यहां संविधान की रक्षा नहीं हुई तो वह अनुच्छेद 154 के इस्तेमाल पर विचार कर सकते हैं। यानी इस अनुच्छेद के तहत राज्य की कार्यकारी शक्तियां वह अपने हाथ में ले सकते हैं।

राज्यपाल ने ट्वीट किया है कि मुख्यमंत्री की यह धारणा गलत है कि राज्यपाल का पद केवल डाकघर या रबर स्टांप है। इसलिए मैं सीएम को याद दिलाना चाहता हूं कि संविधान क्या कहता है। राज्यपाल को सूचना प्रस्तुत करना मुख्यमंत्री के कर्तव्यों से संबंधित है, जिसका उन्होंने उल्लंघन किया है। राज्यपाल ने आगे कहा कि मैंने कई मामलों में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। धनखड़ ने पूछा कि अगर राज्यपाल चाहते हैं कि डीजीपी राजनीतिक हिंसा, राजनीतिक प्रतिशोध, विपक्ष के निर्मम दमन, सिंडिकेडों द्वारा जबरन वसूली और लगातार बम फेंके जाने की घटनाओं के मद्देनजर कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर विस्तार से बताएं तो इसमें क्या गलत है? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को पद की शपथ के अनुसार काम करना चाहिए।

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