जिला परिषद की बैठक में 15वें वित्त योजना की राशि को खर्च करने को लेकर हुई चर्चा
विकास कार्य के लिए जिप सदस्यों मिले 14-14 लाख
गिरिडीह। जिला परिषद की एक विशेष बैठक 15वें वित्त योजना की राशि को किस प्रकार खर्च करनी है एवं अन्य प्रस्ताव पर चर्चा हेतु विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला परिषद अध्यक्ष राकेश महतो ने किया। बैठक में कोरोना संक्रमण के शिकार से गुजर रहे उपविकास आयुक्त नहीं आ पाए। हांलाकि उनके स्थान पर कार्यपालक पदाधिकारी शिव शंकर प्रसाद बैठक में मौजूद थे। बैठक में जिला अभियंता विजय रस्तोगी, नरेश यादव एवं जिला परिषद के कर्मी मौजूद थे। बैठक कोरोना वायरस के सतर्कता को देखते हुए दो पाली में बैठक रखी गई। प्रथम पाली में गिरिडीह अनुमंडल एवं डुमरी अनुमंडल की बैठक हुई। वह द्वितीय पाली 2 बजे से सरिया अनुमंडल एवं खोरी महुआ अनुमंडल की की गई।
विकास कार्य में खर्च करनी है राशि
बैठक में प्रत्येक जिला परिषद सदस्य को 14-14 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई है। उस राशि में से सात लाख योजना जो अनाबद्व फंड से प्राप्त हुआ है। उसमें कुल राशि का 30 प्रतिशत ही एक हेड में खर्च करना है। जैसे की नाली निर्माण धुलाई घाट निर्माण शमशान में व चबूतरा निर्माण करना, आबध अवध फंड से पेयजल एवं स्वच्छता से संबंधित कार्य करना है। जिसमें स्नान घर निर्माण नाली निर्माण सोख्ता गड्ढा निर्माण पाइप लाइन से पेयजल सुविधा इत्यादि कार्य करना खेल मैदान का समतलीकरण कार्य की प्राथमिकता होगी एवं चबूतरा बनाने की भी प्राथमिकता होगी।
जन सेवकों की प्रोन्नति व वेतन बढ़ोतरी पर मिली स्वीकृति
बैठक में एजेंडा के तहत जन सेवकों की प्रोन्नति व वेतन बढ़ोतरी पर स्वीकृति प्रदान की गई। बगोदर बस पड़ाव में सब्जी मार्केट को निरस्त कर खुला डाक करके दुकान आवंटित करने का निर्णय लिया गया। कंप्यूटर ऑपरेटर जो जिला परिषद गिरिडीह में मानदेय वृद्धि पर स्वीकृति प्रदान की गई। जिला परिषद में कार्यरत 3 कंप्यूटर ऑपरेटरों के बीच प्रखंडों का बंटवारा किये जाने पर सहमति जताई गई, क्योंकि एक व्यक्ति पर कार्यभार अधिक हो जाने के कारण जिला परिषद की राशि खर्च करने में परेशानी होगी समय कम है। इसलिए कम समय में अधिक कार्य हो इसलिए कंप्यूटर ऑपरेटर के बीच राशि खर्च की गई। जिला परिषद सदस्य ने अपनी समस्याओं को रखा जिसमें बिजली की समस्या जन वितरण प्रणाली दुकान की समस्या आंगनबाड़ी निर्माण से संबंधित समस्या पर विशेष चर्चा हुआ जहां आंगनबाड़ी का मामला लंबित हो उस मामले को नियंत्रित करने की बात की गई।
चापाकल नहीं लगाये जाने पर जताई नाराजगी
बैठक में उप विकास आयुक्त के स्थान पर कार्यपालक पदाधिकारी ने सदस्यों को विस्तार रूप से एजेंडे को और गाईड लाइन को सदस्यों के बीच समझाने का प्रयास किया। जिस पर सदस्यों ने चापाकल नहीं लगाने पर नाराजगी जताई कई सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार के विधायक को चापाकल की स्वीकृति दी जा सकती है, सांसद को चापाकल की स्वीकृति दी जा सकती है, तो पंचायत प्रतिनिधियों को क्यों नहीं। गांव का विकास सही मायने में कोई कर सकता है, तो वह पंचायत प्रतिनिधि के माध्यम से ही हो सकता है। इसलिए सरकार की यह मानसिकता सही नहीं है। चापाकल स्वीकृति का दायित्व पंचायत प्रतिनिधियों को भी मिलना चाहिए।
बैठक में थे उपस्थित
बैठक में पदाधिकारियों के अलावे लोगों के अलावा इमरान अंसारी, राजेंद्र चैधरी, मीरा तिवारी, गीता हाजरा, किरण वर्मा, मनोहर हसन, लैला खातून, अनीता यादव, रेखा अग्रवाल, मकसूद आलम, जयंती चैधरी, कैलाश यादव, अर्जुन प्रसाद पांडे, पूनम देवी, सरिता देवी, भोला सिंह, मनोहर, अविनाश, दीपा कुमारी वर्मा, अनीता देवी, प्रमिला मेहरा, रविदास, धनंजय राणा, गोपी मरांडी सहित विद्युत विभाग, मत्स्य विभाग, शिक्षा विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण संगठन व अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।