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उपायुक्त ने नाबार्ड की संभाव्यतायुक्त ऋण योजना 2022-23 का किया विमोचन

  • 2145.82 करोड़ की है वित्तीय वर्ष 2022-23 के संभाव्यतायुक्त ऋण योजना
  • योजना को धरातल पर उतारने में सहयोग करें बैंक: उपायुक्त

गिरिडीह। नए समाहरणालय सभागार में उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में शुक्रवार को सितंबर तिमाही की जिला समन्वय समिति एवं जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक हुई। बैठक में उपायुक्त एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा तैयार किये गए जिले का वित्तीय वर्ष 2022-23 के संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) का विमोचन किया गया। 2022-23 के लिए नाबार्ड द्वारा ज़िले की संभाव्यतायुक्त ऋण योजना का आंकलन 2145.82 करोड़ किया गया है। इस दौरान उपायुक्त ने बैंकों को इस योजना को धरातल पर उतारने का निर्देश दिया।

बैठक के बाबत डीडीएम नाबार्ड आशुतोष प्रकाश ने बताया की आरबीआई की अग्रणी बैंक योजना के दिशानिर्देशों के अंतर्गत नाबार्ड द्वारा प्रत्येक वर्ष ज़िले के लिए संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) तैयार किया जाता है। संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के विकास की संभावनाओं को अंतदृष्टी प्रदान करना तथा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास विशेष रूप से कृषि और कृषि संबंधी क्षेत्र के विकास के लिए संस्थागत क्रेडिट हस्तक्षेप के साथ एकीकृत और भागीदारी कार्य योजना तैयार करना हैं। बताया की पीएलपी तैयार करते वक्त राष्ट्रीय प्राथमिकताओं, भारत सरकार और राज्य सरकार की नीतियों तथा जिले में उपलब्ध सुविधाओं और समर्थन सेवाओं को ध्यान में रखकर क्रेडिट क्षमता का आंकलन किया गया है।

बैठक में उप विकास आयुक्त, अग्रणी जिला प्रबन्धक, ज़िला कृषि पदाधिकारी, महाप्रबंधक डीआईसी, आरसेटी निदेशक, क्षेत्रीय प्रबंधक झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक एवं अन्य बैंको के जिला समन्वयक उपस्थित थे।

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