मधुबन में हुई सरना और सनातन धर्म की बैठक
- धार्मिक उन्माद फैलाने वाले पर एफआईआर करने का लिया गया निर्णय
- साजिश के तहत आदिवासियों का पवित्रस्थल मारंगबुरु में बंद कराना चाहेते है पूजा
गिरिडीह। पीरटांड़ प्रखंड के मधुवन में सरना और सनातन धर्म की एक औपचारिक बैठक सिद्धू कानू स्कूल मैदान में हुई है। बैठक की अध्यक्षता कैलाश अग्रवाल ने की। बैठक में मुख्य रूप से माले के विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा और पीरटांड़ प्रमुख सिकन्दर हेम्ब्रम उपस्थित थे। बैठक में मारंगबुरु पहाड़ी जो आदिवासियों का पवित्रस्थल सदियों से है, वहाँ आदिवासी मूलवासी के लोग सदियों से खुले में प्रकृति की पूजा करते आए है, इस बार भी 14 और 15 जनवरी को पूजा करेंगे।
बताया गया कि इसी पूजा को रोकने के लिए मध्यप्रदेश के एक यात्री ने मधुबन से फेसबुक में स्थानीय लोगों पर भद्दी भद्दी टिप्पणी की है। यहां तक कि मधुबन के एक मुनि ने भी बड़े आयोजन में कोरोना मामले का विवादित आंकड़ा दिया है। ताकि प्रशासन की नजर में गलत मैसेज और गलत आंकड़ा जाने से यहाँ के स्थानीय आदिवासी मूलवासी पूजा न कर सकें।
कहा गया कि आदिवासी और मूलवासी समाज जैन समाज के धार्मिक नियम कानून को ठेस नहीं पहुचाते है, लेकिन जैन समाज और मधुबन के साजिसकर्ता लोग हर बार मूलवासी आदिवासी को टारगेट कर प्रशासन और जनप्रातिनिधियों को दिग्गभ्रमित करते है। जिसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा।
कहा कि किसी भी हालत में आपस के तालमेल को बिगाड़ने नहीं दिया जायेगा। किसी बाहरी के कहने पर स्थानीय लोग भी मध्यप्रदेश के बयान पर खुश न हो, जल्द ही एफआईआर होगी। धार्मिक जगह मारंगगबुरु इतिहास में दर्ज है और सरकार ने जगह का घेराव करवाया है। यहां तक कि एनओसी भी लिया है फिर भी गलत निर्माण बताया जाता है तो जैन समाज अपना खतियान पेश करें। कहा कि इस मामले को लेकर अगर आंदोलन की जरूरत पड़ी अपने हक के लिए हमसब तैयार है किंतु पहले प्रशासन की पहल को देखा जाएगा।
बैठक में भरत साहू, मनोज अग्रवाल, श्याम प्रसाद, बुद्धन हेम्ब्रम, फागु मरांडी, अमर कुमार तुरी, अमित कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।