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खानापूर्ति के लिए सुरक्षा विभाग कराता है खदान में डोजरिंग, ओपेनकाॅस्ट खदान में पुलिस के नामजद अभियुक्त ही करते है कोयले की चोरी

खदान के जिन हिस्सों से होता है कोयला चोरी, वहां झांकता भी नहीं सुरक्षा विभाग

गिरिडीहः
ओपेनकाॅस्ट खदान के डंप किए हुए कोयले की चोरी तो जारी ही है। वहीं सीसीएल के इस सरकारी खदान में खंता खोदकर तस्कर चोरी कर रहे है। तस्करों का ये कोई नया खेल नहीं। पिछले कुछ सालों से चल रहा है। लेकिन सीसीएल का सुरक्षा विभाग चंद खंतो की डोजरिंग कराकर अपने को पाक साबित भी कर लेता है। शनिवार को भी सुरक्षा विभाग द्वारा ओपेनकाॅस्ट खदान के भीतर खदान से चंद फासले पर सतीघाट इलाके में करीब 17 खंतो डोजरिंग कराया गया। लेकिन डोजरिंग की यह कार्रवाई उन इलाकों तक नहीं पहुंच पाता। जहां से तस्कर चोरी कर हर रात दुसरे दिन अहले सुबह कोयले की चोरी कर मालामाल हो रहे है। जबकि कोयला चोरी का असल खेल इन इलाकों से ही शुरु किया जाता है। जाहिर है कि जब तस्कर पुलिस और सीसीएल के सुरक्षा विभाग तक हर रोज कोयला चोरी की मोटी रकम पहुंचाते है। तो फिर वहां से डोजरिंग की खानापूर्ति की कार्रवाई क्यों हो? वैसे जिन इलाकों की बात हो रही है। उसमें ओपेनकाॅस्ट खदान का प्रमुख लोकेशन फेस और खदान का उपरी हिस्सा है। जहां सुरक्षा पदाधिकारी और पुलिस के गठजोड़ के सहारे तस्कर हर रोज चोरी कर रहे है। जानकारी के लिए यहां बताना जरुरी है कि इसी फेस से एक सप्ताह पहले कोयला चोरी के दौरान एक तस्कर की मौत भूधंसान के दौरान ढेर में दबने से हो गई थी। मृतक नरेन्द्रपुर गांव का रहने वाला था। परिजनों ने जहां किसी प्रकार के हादसे से इंकार कर दिया था। तो सीसीएल प्रबंधन भी किसी घटना से इंकार कर चुका था। जबकि सीसीएल प्रबंध नही घटना के दिन फेस वाले इलाके में कई बड़े मशीनों से घटनास्थल से शव को निकालने के प्रयास में लगा रहा।


बहरहाल, तस्करों को सुरक्षित करने का सीसीएल सुरक्षा विभाग और मुफ्फसिल थाना पुलिस का दुसरा फार्मूला भी सवाल पैदा करने वाला ही है। क्योंकि सुरक्षा विभाग एक तरफ हर माह करीब सौ के खिलाफ मुफ्फसिल थाना में खंता संचालकों के खिलाफ केस दर्ज कराता है। तो दुसरी तरफ केस दर्ज होने के बाद भी यही तस्कर बेखौफ हो कर हर रोज डंप किए हुए कोयले के साथ इसी खदान के समीप सतीघाट और फेस समेत आसपास के इलाकों में सैकड़ो खंता से हर रोज अवैध रुप से कोयला निकालते है। जिसका उदाहरण पांच दिन पहले सुरक्षा पदाधिकारी ओमप्रकाश दास द्वारा थाना में 10 तस्करों के खिलाफ दर्ज कराया गया कोयला चोरी का केस। सुरक्षा पदाधिकारी के आवेदन पर ही पुलिस ने थाना कांड संख्या 331/20 में मुकेश, टिंकू, छोटू, अशोक, दीपू, निर्मल, गोलका और प्रकाश के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। लेकिन पांच दिनों बाद भी ये तस्कर पुलिस गिरफ्त से फिलहाल बाहर है।

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