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समाहरणालय पर आंगनबाड़ी संघ (सीटू) ने किया प्रदर्शन

  • 27 सितंबर को भारत बंद का सीटू ने किया समर्थन

कोडरमा। केंद्रीय कृषि कानून व महंगाई के खिलाफ़ 27 सितंबर को भारत बंद का समर्थन के आह्वान के साथ 45वें और 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की अनुशंसाओं के आधार पर सभी परियोजना कर्मियों को मजदूरों के रूप मे मान्यता देने, प्रतिमाह न्युनतम 24 हजार रू वेतन और सेवा निवृत्त कामगारों को 10 हजार रु पेंशन की गारंटी, सभी स्कीम वर्करों को भविष्य निधि (पी. एफ.) व इएसआइ के सुरक्षा दायरे मे लाने, आइसीडीएस, एनएचएम, एमडीएमएस जैसी परियोजनाओं के लिए पर्याप्त बजट का आवंटन करते हुए इन योजनाओं को स्थायी करने, इन कल्याणकारी योजनाओं के निजीकरण पर रोक तथा मजदूरों को गुलाम बनाने वाले 4 लेबर कोड और किसान विरोधी 3 कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांगों को लेकर देश मे एक करोड़ से ज्यादा विभिन्न परियोजनाओं मे कार्यरत स्कीम वर्कर के देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका पोषण सखी संघ (सीटू) के बैनर तले समाहरणालय पर प्रदर्शन किया गया।


इससे पूर्व कोडरमा बाज़ार से एक जुलूस भी निकाला गया जिसमे केन्द्र व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। आंगनबाड़ी संघ की जिलाध्यक्ष शोभा प्रसाद की अध्यक्षता व जिला सचिव वर्षा रानी के संचालन में हुई सभा को प्रदेश अध्यक्ष व सीटू नेत्री मीरा देवी ने कहा कि झारखंड में कुपोषण बढ़ रहा है, दूसरी तरफ आंगनबाड़ी केंद्रों मे 6 माह से तीन साल के बच्चे, दूध पिलाने वाली धात्री और गर्भवती महिलाएं को एक साल से पोषाहार नहीं मिल रहा है. पोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में बहाल पोषण सखियों को भी पिछले आठ से माह से मानदेय का भूगतान नहीं किया गया है। बिना स्मार्ट फोन और बिना डाटा रिचार्ज के पोषण ट्रेकर एप काम करने को कहा जा रहा है। इसलिए हम आंदोलन को बाध्य हैं। सभा को मजदूर कर्मचारी समन्वय समिति के जिला सचिव दिनेश रविदास, निर्माण मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश, रसोईया संयोजिका यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष महेन्द्र तुरी ने भी संबोधित किया।

प्रदर्शन उपरांत केंद्रीय मांगों तथा स्थानीय मांगों से संबंधित उपायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा गया। जिसमें पोषण सखी का बकाया मानदेय भुगतान अविलंब करने, नियमित रूप से मानदेय व पोषाहार राशि देने, पूर्णिमा राय का चयनमुक्त रद्द करने, गर्भवती धात्री और बच्चों को हर माह पोषाहार देने आदि मांगें शामिल हैं। प्रदर्शन में शकुंतला मेहता, चिंतामणि देवी, उर्मिला देवी, मंजू मेहता, दीपा, संध्या वर्णवाल, पूर्णिमा राय, सुनीता देवी, पिंकी कुमारी, रेखा कुमारी, ज्योत्सना देवी, सुनीता पाण्डेय रीना देवी, रिंकी कुमारी, रीना देवी, आशा कुमारी, उषा देवी, रानी सिन्हा, शीला देवी, गीता देवी, रेखा देवी, रूकसार बेगम, रजनी, रसोईया यूनियन की उपाध्यक्ष बबीता देवी, शकुंतला देवी सहित दर्जनों सेविका सहायिका, पोषण सखी और विद्यालय रसोईया शामिल थी।

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