एमपीएल के चोर दरवाजे से कोयला उठाव की प्लानिंग के खिलाफ गिरिडीह के ट्रक मालिक समेत डीओ होल्डर और मजदूरों ने शुरु किया आंदोलन
झामुमो समेत विधायक और एमपीएल की बढ़ी परेशानी
गिरिडीहः
मैथन पाॅवर लिमिटेड द्वारा चोर दरवाजे से कोयला उठाव करने की प्लानिंग के खिलाफ गुरुवार से गिरिडीह के ट्रक मालिकों ओर मजदूरों ने अनिश्चिकालीन आंदोलन शुरु कर दिया। गिरिडीह परियोजना के ओपेनकाॅस्ट खदान के समीप ट्रक मालिकों के साथ मजदूरों और डीओ होल्डरों ने धरना दिया। धरने में भाजपा नेता कामेशवर पासवान के साथ ट्रक मालिक राजेन्द्र यादव, रंजीत प्रसाद, राजेन्द्र राय, कमल साव, सरयू साव, धर्मेन्द्र पांडेय, हीरो दास, मुमताज अंसारी, कंपू यादव, रीतेश कुमार, संतोष साहु समेत काफी संख्या में डीओ होल्डर और ट्रक मालिक व मजदूर शामिल हुए। धरने के दौरान कई वक्ताओं ने मौके पर कहा कि किसी सूरत में एमपीएल को उसके शर्तो पर कोयला उठाव करने नहीं दिया जाएगा। क्योंकि उसके शर्त पर कोयला उठाव करने की अनुमति मिलने पर बड़े पैमाने पर रोजगार प्रभावित होगा। ऐसे में ट्रक मालिक, डीओ होल्डर और मजदूर प्रभावित होगें। अनिश्चित काल के लिए शुरु किए गए धरने को लेकर गिरिडीह परियोजना प्रबंधन की परेशानी बढ़ना तय है। तो एमपीएल के चोर दरवाजे से कोयला उठाव की प्लानिंग का समर्थन कर रही सत्तारुढ़ दल झामुमो के साथ भी परेशानी बढ़ेगी। क्योंकि धरने में झामुमो के कोलियरी संगठन के कई नेता व कार्यकर्ता भी समर्थन कर रहे है। यह अलग बात है कि वो आंदोलन में सामने नहीं आएं। लेकिन ऐसे कई नेताओं को देखा गया।
इधर गुरुवार से शुरु हुए आंदोलन को लेकर ट्रक मालिक से लेकर डीओ होल्डर और मजदूरों में स्थानीय सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू समेत सत्तारुढ़ दल झामुमो के प्रति गुस्सा भी दिखा। क्योंकि एक वक्त जिस एमपीएल के कोयला उठाव की नीति का विरोध झामुमो करता था। वहीं झामुमो और उसके नुमांईदे वर्तमान में एमपीएल के चोर दरवाजे से कोयला उठाव की प्लानिंग के सपोर्ट में नजर आ रहे है। जानकारी के अनुसार एमपीएल और एक ट्रांसपोर्टर के इशारे पर ही गिरिडीह के ही एक कोयला कारोबारी ने कोयला उठाव के लिए पांच सौ ट्रकों का लिस्ट पीओ कार्यालय को सौंपा है। एमपीएल के चोर दरवाजे के प्लानिंग को मूर्त रुप देने में पीओ कार्यालय ने महत्पूर्ण भूमिका निभाते हुए 24 घंटे तक कोयला उठाव की अनुमति तक दे दिया। इसके लिए पीओ कार्यालय में 22 सितंबर का डेडलाईन एमपीएल को तय कर दिया है। तो अब आंदोलनकारियों का आंदोलन भी इसी तिथि तक चलना है। लिहाजा, आंदोलनकारियों का आंदोलन झामुमो के साथ पीओ कार्यालय और एमपीएल के इशारे पर उसके प्लानिंग का हिस्सा रहे ट्रांसपोर्टर के लिए यही मुसीबत बनेगा। यह तय है।