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बढ़ते अपराध को लेकर गिरिडीह पहुंचे डीआईजी, फर्जी मुठभेड़ में मारे गए डाॅली मजदूर मोती लाल बाॅस्के पर रहे खामोश

बैठक में जिले में नए थाने और पिकेट खोलने को लेकर हुई चर्चा, डीसी, एसपी समेत कई हुए शामिल

गिरिडीहः
लगातार बढ़ रहे अपराधिक घटनाओं को लेकर गुरुवार को हजारीबाग डीआईजी नरेन्द्र सिंह गिरिडीह पहुंचे। और शहर के सर्किट हाउस में डीसी व एसपी समेत पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक किया। बैठक में डीसी राहुल सिन्हा, एसपी अमित रेणु, सीआरपीएफ कमांडेट भरत भूषण जखमोला के अलावे एएसपी गुलशन तिर्की समेत कई अधिकारी मौजूद थे। सुरक्षा मुद्दे पर बंद कमरे में दो घंटे तक चले बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा किया गया। तो जिले में चल रहे महत्पूर्ण सड़क योजनाओं को लेकर भी बात हुई। वैसे दो घंटे के बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान डीआईजी ने माना कि गिरिडीह में पुलिस बलों की काफी अधिक कमी है। मैनपाॅवर की कमी के कारण क्राइम कंट्रोल पर हो रहे परेशानियों के भी संकेत डीआईजी ने बातचीत के दौरान दिया। फर्जी मुठभेड़ में मारे गए मधुबन के डाॅली मजदूर के मामले पर डीआईजी ने जहां कहने से बचते रहे। तो वहीं कहा कि महत्पूर्ण सड़कों के निर्माण को लेकर चर्चा किया गया है। डीआईजी ने यह भी कहा कि जिले में कुछ थाने और पिकेट शुरु किए जाने पर जरुरी चर्चा किया गया है। जो इलाके बेहद संवेदनशील है उन इलाकों को देखते हुए थाना और पिकेट शुरु किए जाने की बात उठी है। तो वैसे थानों और पिकेट में पुलिस जवानों और होम गार्डो की तैनाती पर चर्चा किया गया। इधर बैठक की पूरी जानकारी एसपी अमित रेणु ने भी देते हुए बताया कि बैठक मुख्य रुप से सुरक्षा मुद्दों को लेकर किया गया। ललिता देवी हत्याकांड से जुड़े सवालों पर एसपी भी कन्नी काटते हुए कहा कि अनुसंधान चल रहा है। कुछ महत्पूर्ण सुराग हाथ लगे है जिन पर वर्क किया जा रहा है। फिलहाल कुछ स्पस्ट नहीं कहा जा सकता। इधर बैठक में सीआरपीएफ 154 बटालियन के सहायक कमांडेट अजय कुमार समेत कई मौजूद थे।

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