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बस पड़ाव, टोल टैक्स और हाट बाजार वसूली दर में वृद्धि को लेकर पार्षदों ने किया हंगामा

  • पार्षदों व प्रतिनिधयों ने की बाजरत्रार वसूली दर को कम करने की मांग

गिरिडीह। गिरिडीह नगर निगम में बुधवार को वार्ड पार्षदों ने हंगामा किया। इस हंगामे के बाद नगर निगम अपनी कार्यशैली और मनमानी के कारण सारा दिन चर्चाओं में रहा। वैसे हंगामा चंद पार्षद ही कर रहे थे जबकि हंगामा करने वालों में अधिकांश पार्षद प्रतिनिधी शामिल थे। लिहाजा, यहां मामला जनहित से अधिक कुछ और ही नजर आया। हंगामा कर रहे पार्षदों में सुमित कुमार, सैफअली गुड्डु, रीता चौरसिया, सोमर मंराडी, गुड़िया देवी समेत कई पार्षदों ने यह आरोप लगाते हुए हंगामा किया कि प्रभारी उप नगर आयुक्त एक व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के मकसद से हाट बाजार, बस पड़ाव और टोल टैक्स की वसूली का शुल्क दर बेतहाशा वृद्धि कर रहे है। लेकिन इनके टेंडर का शुल्क पुराना दर निर्धारित रखा गया है।

पार्षदों ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रभारी उप नगर आयुक्त सिर्फ ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा कर रहे है। जबकि पिछले दो साल से महामारी के कारण हर आम व खास वर्ग प्रभावित है। अब ऐसे में एक-एक यात्री बस से टेंडर लेने वाले संवेदक दो सौ रुपये की वसूली करेगें। तो हाट बाजार में आने वालों से भारी-भरकम वसूली किया जाएगा। जो उचित नहीं है।

हंगामा कर रहे पार्षदों ने प्रभारी महापौर प्रकाश सेठ से मामले में हस्तक्षेप करते हुए टेंडर को रद्द करने की मांग की। इधर पार्षदों के तेवर देख डिप्टी महापौर प्रकाश सेठ भी सकते में आ गए और उप नगर आयुक्त को पत्राचार कर टेंडर रद्द करने का सुझाव दिया।

जानकारी के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष के अर्न्तंगत टोल टैक्स समेत निगम को राजस्व देने वाले कई इकाईयों हाट बाजार, बस पड़ाव का टेंडर इसी 31 मार्च को समाप्त होना है। लिहाजा, पार्षदों का आरोप भी यही था कि उप नगर आयुक्त सारे नियमों को ताक पर रखकर टेंडर करा रहे है। वसूली दर में वृद्धि कर दिया गया है लेकिन टेंडर शुल्क को यथावत रखा गया है। सबसे पहले टेंडर शुल्क में वृद्धि होना चाहिए था। इसके बाद बोर्ड की बैठक बुलाकर टेंडर कराना चाहिए।

इधर प्रभारी उप नगर आयुक्त रोहित सिन्हा ने कहा कि पार्षदों के हंगामे के कारण ही टेंडर को रद्द कर दिया गया है। क्योंकि राजस्व में बढ़ोतरी को लेकर ही इसे पहले निगम के कर्मी हंगामा कर चुके है और टेंडर करने की मांग कर चुके है।

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