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लगाएं गए पांबदियों के विरोध में गिरिडीह के कोेंचिग संचालकों ने जताया विरोध

सरकार से अनावश्यक वेतन लेने वाले पर कर्मियों के वेतन पर रोक लगाने का किया अपील

गिरिडीहः
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच राज्य सरकार द्वारा लगाएं गए पांबदियों का विरोध अब गिरिडीह मंे होना शुरु हो गया है। इसी क्रम में कोंचिग फेडरेशन आॅफ इंडिया एप्टा की बैठक मंगलवार को हुआ। तो बैठक में एप्टा के अध्यक्ष राजेश सिन्हा, अयूब अंसारी, अजय मंडल, अशोक गुप्ता, चंचल मिश्रा, आलोक मिश्रा, रविन्द्र विद्यार्थी, फिरदौस आलम, चक्रम सर, प्रफूल्ल रंजन शामिल हुए। इस दौरान बैठक में एप्टा के सदस्यों ने लगाएं गए पांबदियों को लेकर कहा कि 15 जनवरी तक कोंचिग संचालक सरकार के पांबदियों का समर्थन कर रहे है। ऐसे में कोंचिद तो बंद रहेगा, लेकिन कार्यालय खुले रहेगें। पठन-पाठन कार्य पूरी तरह से ठप रहेगा। लेकिन 15 जनवरी के बाद भी सरकार अपने पांबदियों पर विचार नहीं करती है और कोंचिगों को दुबारा खुलने की अनुमति नहीं देंगी। तो संचालक इसके विरोध में सड़क पर उतर कर आंदोलन के लिए बाध होगें। एप्टा के सदस्यों ने हेमंत सरकार के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब भी पांबदियां लगाई जाती है तो सबसे पहले शिक्षण संस्थानों पर। अनावश्यक वेतन लेने सरकारी कर्मियों के वेतन पर रोक नहीं लगता। माॅल, होटल और शराब दुकानों को पांबदियों से मुक्त रखा जाता है। लिहाजा, राज्य सरकार को चाहिए कि वैसे हर सरकार कर्मी जिनका कोई काम नहीं रहता है। उनके वेतन बंद करे। इधर बैठक में गौरव गगन, मुबारक हुसैन, रंजन कुमार समेत कई मौजूद थे।

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