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कोरोना के कारण बेरौनक रह सकता है गिरिडीह में धनतेरस का बाजार

स्टील बर्तन से लेकर जेवर और इलेक्ट्रिोनिक दुकानों में आर्थिक सुस्ती का दिख रहा असर

प्राईवेट सेक्टर में रोजगार जाने और सरकार का फंड बाजार में नहीं आने के कारण होगा प्रभावितः अमरजीत सिंह सलूजा

गिरिडीहः
कोरोना काल ने गिरिडीह के आर्थिक मंदी को पूरी तरह से सुस्त कर दिया है। ऐसे में इस साल के धनतेरस का बाजार बेरौनक होना तय है। धनतेरस के आने में अब सिर्फ पांच दिन ही शेष रह गए है। लेकिन बाजार से खरीदार गायब है। सिर्फ दो पहिया वाहनों की बुंकिग हो रही है। शहर के नेताजी चाौक स्थित होंडा शोरुम के मालिक संजय गुप्ता ने कहा कि पिछले साल तक उनके शोरुम समेत कंपनी के जिले भर के शोरुम में होंडा कंपनी के वाहनों की जबरदस्त बुंकिग हुई थी। यही नही धनतेरस के दिन ही होंडा कंपनी के कई माॅडल की हाथों हाथ ब्रिकी हुआ। जबकि कंपनी की और से कोई खास आॅफर भी नहीं था। होंडा शोरुम के मालिक संजय की मानें तो पिछले साल पूरे जिले में आठ सौ से अधिक बाईक की ब्रिकी हुई थी। वहीं इस बार अब तक पूरे जिले के शोरुम के सिर्फ दो सौ वाहनों की बुंकिग हो पाई है। इसे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इस साल धनतेरष को लेकर दो पहिया वाहनों का कारोबार भी कम रह सकता है। हालांकि हीरो शोरुम के मालिक प्रदीप जैन का दावा है कि इस साल भी धनतेरष में दो पहिया वाहनों की ब्रिकी उम्मीद से अधिक होगा। पिछले साल हीरो कंपनी के जिला मुख्यालय समेत पूरे जिले के शोरुम में आठ सौ वाहनों की बुंकिग हुआ था। लिहाजा, उम्मीद है कि धनतेरष के नजदीक आते ही वाहनों की ब्रिकी में इजाफा होगा। इधर चार पहिया वाहन शोरुम के मालिक भी ग्राहकों की प्रतीक्षा में दिन भर शोरुम में बैठे रहते है।


वहीं धनतेरष के मौके पर पंरपरा और लोग सुख-समृद्धि के लिए सोने-चांदी से लेकर स्टील, तांबा और पीतल के बर्तन के अलावे इलेक्ट्रिक व फ्रिज, वांशिग मशीन, टीवी तक की खरीदारी करते है। लेकिन शहर के इलेक्ट्रिोनिक दुकानों में भी खरीदार नजर नहीं आ रहे है। ग्राहकों को लुभाने के लिए कई दुकानदार आॅफर तक दे रहे है। शहर इलेक्ट्रिोनिक कारोबारियों में अमित जैन और अर्जुन राम ने कहा कि लैपटाॅप, डेस्कटाॅप के स्टाॅक धनतेरष को लेकर मंगाया गया है। इसके बाद भी कुछ ग्राहक ही इन दुकानों में दिख रहे है। वैसे करीब आते धनतेरष को लेकर सबसे अधिक उदास शहर के जेवर कारोबारी है। क्योंकि पिछले साल ढाई करोड़ से अधिक के कारोबार से जेवर कारोबारी खुश थे। तो वही इस साल एक करोड़ का कारोबार होना भी संभव नहीं दिख रहा है।
इधर धनतेरस के फीके बाजार को लेकर प्रख्यात स्टील कारोबारी और सलूजा गोल्ड एंड समूह के संस्थापक अमरजीत सिंह सलूजा ने कहा कि सिर्फ दो पहिया वाहनों की ब्रिकी बेहतर रहने की सबसे बड़ी वजह ट्रैने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बंद होना है। वहीं धनतेरस के बाजार का फीके रहने का कारण बाजार में पैसों की कमी है। क्योंकि कोरोना के कारण प्राईवेट सेक्टर में बड़े पैमाने पर रोजगार का नुकसान हुआ है। यह स्थिति सिर्फ यहां की नहीं। बल्कि, विश्व स्तर पर है। अमरजीत सिंह सलूजा ने यह भी कहा कि सरकार को राजस्व नहीं मिल रहा। सरकार के किसी भी स्तर का फंड बाजार नहीं आ रहा है। लिहाजा, लोगों के पास पैसे है नहीं। इसके बाद लाॅकडाउन में जितने प्रवासी मजदूर वापस लौटे। वह रोजगार के लिए वापस नहीं लौटे। तो लोगों के पास पैसे कहां से आएगें।

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